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देश के कोने-कोने से यू.पी. स्टेट मेगा एक्स्पो-2023 में पहुंचे बुनकर व कारीगर

लखनऊ। इस तरह के एक्स्पो एक मौका होते हैं, बड़े पैमाने पर अपनी कला लोगों तक पहुंचाने का…और हमें पूरी उम्मीद है कि उत्तर प्रदेश सरकार का यह प्रयास देशभर के बुनकरों, कलाकारों के लिए अपनी कला का दायरा बढ़ाने का एक बेहतरीन अवसर साबित होगा।

यह कहना है कि नवादा, बिहार से यू.पी. स्टेटे मेगा एक्सपो में आए विजय कुमार जी का। विजय यहां रेशम पर मधुबनी प्रिंट के कपड़ों की बेहतरी रेंज लेकर आए हैं, जो हैंडलूम के खरीददारो काफी पसंद आ रही है।

इसी तरह कोलकाता से आई कल्याणी शाह कहती हैं कि दुनिया कितनी भी आगे बढ़ जाए लेकिन पारम्परिक रेशम हैंडलूम के काम की जगह कोई नहीं ले सकता। कल्याणी का मानना है कि इस तरह के एक्स्पो हैंडलूम व रेशम के व्यापारियों व कलाकारों को अच्छे अवसर प्रदान करते हैं, बशर्तें उनका खूब प्रचार-प्रसार किया जाए और लोगों तक इनकी जानकारी पहुंचे।

बंगलुरु से कांजीवरम रेशम के बेहतरीन नमूने लेकर भरत कुमार बताते हैं, कांजीवरम की एक साधारण सी साड़ी बनाने में एक कारीगर को 10-12 दिन लगा जाते हैं…वहीं भारी साड़ियां एक-डेढ़ महीने में तैयार होती हैं। उत्तर प्रदेश स्टेट मेगा एक्स्पो जैसे आयोजन एक मौका होते हैं, जहां कारीगर अपनी मेहनत लोगों के सामने रख सकते हैं और चीजें जब सकी कद्रदानों तक पहुंचती हैं तो मेहनत का प्रतिफल भी मिल जाता है।

कन्नौज के इत्र से महकी फिजा: एक्स्पो में लगी इत्र नगरी कन्नौज की स्टॉल एक ऐसी जगह हैं लोग बरबस ही खिंचे चले आ रहे हैं। इसकी वजह से स्टॉल से उठने वाली भीनी-भीनी महक। इत्र की कई बेहतरीन किस्में यहां वाजिब दाम के साथ मौजूद हैं, जो यह बताने को काफी कि क्यों कन्नौज का इत्र दुनिया भर में मशहूर हैं।

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