Thursday, December 12, 2024
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मुख्यमंत्री ने ओमनी हॉस्पिटल एवं ट्रॉमा सेंटर का शिलान्यास किया

लखनऊ: 11 दिसम्बर, 2024

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि हम सभी ने विगत 10 वर्षों में भारत की शानदार यात्रा देखी है। देश में विरासत और विकास का अद्भुत समन्वय देखने को मिल रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश की आजादी के शताब्दी वर्ष 2047 तक भारत को विकसित भारत बनाने के संकल्प को देशवासियों के सामने रखा है। वर्ष 2047 में हमें एक ऐसा भारत चाहिए जो स्वावलम्बी तथा आत्मनिर्भर हो। भारत स्वावलम्बी तथा आत्मनिर्भरता तब बनेगा, जब व्यक्ति, गांव, नगर, जनपद तथा प्रदेश आत्मनिर्भर बनेंगे।
मुख्यमंत्री आज जनपद बस्ती में कर्मा देवी शैक्षणिक समूह के 15वें स्थापना दिवस पर मुख्य अतिथि के तौर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने ओमनी हॉस्पिटल एवं ट्रॉमा सेंटर का शिलान्यास किया। उन्होंने शिक्षा, सेवा एवं संस्कृति के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को पुरस्कार प्रदान किये। उन्होंने कहा कि यह भूमि प्रभु श्रीराम के जन्म का हेतु है। कहा जाता है कि महाराज दशरथ ने प्रभु श्रीराम के जन्म के लिए इसी जनपद में पुत्रेष्टि यज्ञ किया था। महर्षि वशिष्ठ ने भी इसी जनपद में अपना आश्रम स्थापित किया था। प्रभु श्रीराम ने हम सबको प्रेरणा दी है कि व्यक्ति चाहे जितना यश प्राप्त कर ले या धन-धान्य से परिपूर्ण हो जाए, वह तब तक अधूरा है जब तक वह अपनी जननी तथा मातृभूमि के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित नहीं करता।
मुख्यमंत्री ने कर्मा देवी शैक्षणिक समूह के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में बधाई देते हुए कहा कि श्री ओम नारायण सिंह, श्रीमती नीता सिंह, स्व0 श्री देव मंगल सिंह तथा स्व0 श्रीमती सरोज सिंह ने अपनी मां की स्मृतियों को इस समूह के रूप में जीवन्त बनाया। यहां पहले पी0जी0 कॉलेज था, लेकिन बाद में बी0टी0सी0, बी0एड0, नर्सिंग, फार्मा, लॉ, सी0बी0एस0ई0 बोर्ड द्वारा संचालित पब्लिक स्कूल तथा बी0सी0ए0 आदि इकाइयों में शिक्षा की व्यवस्था की गई। आज यहां ओमनी हॉस्पिटल एवं ट्रॉमा सेंटर के शिलान्यास का कार्य भी सम्पन्न हुआ है।
मुख्यमंत्री ने स्व0 श्रीमती कर्मा देवी सिंह, स्व0 देव मंगल सिंह तथा स्व0 सरोज सिंह के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि स्व0 श्रीमती कर्मा देवी सिंह के पुत्रों ने उनकी स्मृतियों को शिक्षा के इस बेहतरीन केन्द्र के रूप में स्थापित करते हुए उनका मूर्त स्मारक इन शिक्षण संस्थानों के माध्यम से स्थापित किया है। जननी और जन्मभूमि के प्रति यही कृतज्ञता का भाव है। जो बीज यहां रोपा गया था, आज वह कर्मा देवी समूह के रूप में विशाल वट वृक्ष बनकर निरन्तर आगे बढ़ने की प्रेरणा प्रदान कर रहा है। यहां के गरीब विद्यार्थियों को भी अच्छी और आधुनिक शिक्षा उपलब्ध हो सके, इस दृष्टि से कर्मा देवी समूह अपना उल्लेखनीय योगदान दे रहा है। हजारों बच्चे लम्बे समय तक अपने कर्म पथ पर आगे बढ़ने की प्रेरणा प्राप्त कर सम्मान तथा स्वावलम्बन के साथ जीवन यापन करेंगे।
जब कोई व्यक्ति जन्म लेता है, तो उसके पास पाँच प्रकार के ऋणों से मुक्ति प्राप्त करने का अवसर होता है। तभी मनुष्य के रूप में हमारी जीवन यात्रा पूर्ण मानी जाती है। हमारा यह कर्तव्य माता, पिता, गुरु, मातृभूमि तथा देवगण के प्रति होता है। इनके आदर्शों को अपने जीवन में अंगीकार करने का प्रयास उऋण होने का माध्यम होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री ओम नारायण सिंह गोरखपुर के जिलाधिकारी के रूप में काम कर चुके हैं। वह अपनी प्रशासनिक व्यस्तता के कारण अन्य कार्यों के लिए ज्यादा समय नहीं दे पाते थे, लेकिन स्व0 श्रीमती सरोज सिंह तथा श्रीमती नीता सिंह का श्री गोरक्षनाथ मंदिर में आना-जाना होता था। उस समय मैं प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बारे में नहीं सोचता था। स्व0 श्रीमती सरोज सिंह हमेशा इस बात को कहती थीं कि आप उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अवश्य बनेंगे। आज उत्तर प्रदेश को आपकी आवश्यकता है। सुरक्षा खतरे में हैं। बेटियां असुरक्षित हैं। जगह-जगह दंगे हो रहे हैं। इससे सभ्य समाज के मन में आक्रोश उत्पन्न हो रहा है। वह कहती थीं कि यदि आप आएंगे, तो प्रदेश को दंगों से मुक्ति मिलेगी, बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्सिंग एक ऐसा क्षेत्र है जहां यदि अच्छी शिक्षा दी जाए, तो शत-प्रतिशत प्लेसमेंट प्राप्त किया जा सकता है। सरकारी व निजी क्षेत्र तथा दुनिया में भारत के नर्सिंग प्रोफेशनल्स की मांग है। इस मांग को पूरा करने के लिए हमें स्वयं को तैयार करना होगा। फार्मेसी का क्षेत्र भी अत्यंत विस्तृत है। कोरोना कालखण्ड में चीन ने भारत में दवा भेजने में आनाकानी की थी। प्रधानमंत्री जी ने उस समय देश के फार्मा उद्योग को पुनर्जीवित करने का कार्य किया था। देश में ही आवश्यक दवाइयों का निर्माण प्रारम्भ किया गया। जिन दवाइयों के लिए हम दुनिया के अन्य देशों पर निर्भर थे, हमारा फार्मा उद्योग उन्हें आगे बढ़ा सकता है।
प्रदेश में फार्मा पार्क का निर्माण किया जा रहा है। जहां पर 2,000 एकड़ क्षेत्रफल में फार्मा से जुड़े हुए अलग-अलग उद्योग लगने जा रहे हैं। पहले चरण में बुन्देलखण्ड में इस कार्य को आगे बढ़ाने का प्रयास किया गया है। वहां उद्योग लगने शुरू हो गए हैं। लोगों ने प्रोडक्शन के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है। ऐसे ही अन्य क्षेत्रों में भी लगातार कार्य करने की तैयारी हो रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्किल डेवलपमेंट पर फोकस किया गया है। संस्थानों को भी स्किल डेवलपमेंट के पाठ्यक्रम चलाने चाहिए, ताकि कोई भी विद्यार्थी संस्थान से अध्ययन पूर्ण करने के पश्चात स्वयं को असहाय न महसूस करे। पूरी दुनिया भारत के युवाओं की प्रतीक्षा कर रही है। हमें युवाओं को दुनिया की विभिन्न भाषाओं के बारे में जानकारी प्रदान करनी होगी। विद्यार्थियों को देश के विभिन्न प्रदेशों की भाषाएं भी आनी चाहिए। कन्नड़, मराठी, तमिल, बंगाली, गुजराती आदि भाषाओं का ज्ञान आपके लिए उपयोगी साबित हो सकता है। भारत की भाषाएं भारत की एकता का प्रतीक हैं। इन सभी की जननी देववाणी संस्कृत है। यदि आप थोड़ा सा प्रयास करेंगे, तो यह संस्थान ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का प्रतीक बन सकता है। हमें दुनिया के विभिन्न देशों की मैपिंग भी कर लेनी चाहिए, ताकि नर्सिंग, इंजीनियरिंग आदि क्षेत्रों में योग्य युवाओं के लिए, उनकी आवश्यकताओं के बारे में पता चल सके।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एक व्यक्ति का स्वावलम्बन समाज का स्वावलम्बन होता है। अन्ततः वह राष्ट्र का स्वावलम्बन बनता है। राष्ट्र आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ता है। दुनिया के सभी विकसित देशों ने पहले व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाया। वह इसलिए विकसित नहीं है, क्योंकि उनके पास ज्यादा संसाधन है, बल्कि उन्होंने योग्यता व परिश्रम की पराकाष्ठा को महत्व दिया तथा टेक्नोलॉजी को अपनाया और प्रत्येक व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाकर स्वावलम्बन के पथ पर अग्रसर किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत दुनिया के ध्रुवीकरण में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। दुनिया भारत के महत्व को समझ रही है। भारत का महत्व दुनिया को और अच्छे ढंग से समझाने के लिए हर भारतवासी को तैयार होना होगा। इस कार्य में शिक्षण संस्थान महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर सकते हैं। इन संस्थानों में युवाओं का वर्तमान व भविष्य निखारा जाता है, जिससे वह भावी भारत के निर्माण में अपना योगदान दे सकें। भारत की प्रतिभा ने दुनिया में प्रत्येक जगह अपनी पहचान बनाई है। दुनिया भारत की प्रतिभा को नजरअंदाज नहीं कर सकती। दुनिया की 100 सबसे प्रतिष्ठित कम्पनियों में से 20 कम्पनियों के सी0ई0ओ0 भारत के युवा हैं। सन् 1947 से वर्ष 2014 तक भारत की अर्थव्यवस्था अनेक उतार-चढ़ावों से गुजरते हुए 14वें से 11वें स्थान तक आयी। वर्ष 2014 से वर्ष 2024 के बीच भारत ने स्वयं को दुनिया की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित किया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अपनी बात को दूसरे तक पहुंचाने में भाषा एक अच्छा माध्यम बनती है। भाषिनी ऐप ने इस कार्य को और भी आसान कर दिया है। महाकुम्भ-2025 प्रयागराज में इस ऐप का उपयोग किया जाएगा। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी तथा विद्यार्थियों के मार्गदर्शन के लिए प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना की व्यवस्था की है। इसमें प्रशासनिक सेवा, आई0आई0टी0, जे0ई0, सी0डी0एस0 आदि विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए फिजिकली तथा वर्चुअली मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है। यदि यह संस्थान भी इस दिशा में प्रयास करेगा, तो यहां के अनेक युवा प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल हो सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सॉलिड एण्ड लिक्विड वेस्ट एक ज्वलन्त समस्या है। प्रत्येक संस्थान सीवरेज ट्रीटमेंट प्लाण्ट की व्यवस्था नहीं कर सकता। पहले गाँवों का कूड़ा-कचरा एक गड्ढे में एकत्रित करने का काम किया जाता था, जिससे गन्दगी दूर होने के साथ-साथ खाद की प्राप्ति भी होती थी। यह संस्थान कुवानों नदी के तट पर बना है। शैक्षणिक संस्थानों के कैम्पस को सॉलिड एण्ड लिक्विड वेस्ट से मुक्त रखा जाना चाहिए। पंजाब में एक सन्त सीचेवाल ने इसका एक मॉडल बनाया है। हमें भी इसके लिए एक मॉडल बनाना चाहिए। प्रदूषित पानी के निकास स्थान पर एक गड्ढा बनाकर उसमें ईंट का झामा, मोटी गिट्टी, मोटी तथा पतली बालू आदि का प्रयोग कर पानी को साफ किया जा सकता है। समय आ गया है कि हम किसानों को पराली में आग न लगाने के लिए प्रेरित करें। पराली में आग लगाने का दुष्परिणाम दिल्ली और एन0सी0आर0 के लोग भुगत रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में हम स्वयं को तकनीक से अछूता नहीं रख सकते। तकनीक बहुत आगे बढ़ चुकी है। हमें तकनीक के नैतिक निहितार्थों तथा सुरक्षात्मक उपायों को भी साथ-साथ अपनाना पड़ेगा। यदि आपने तकनीक का सकारात्मक उपयोग किया तो दुनिया में प्रसिद्धि प्राप्त करने में देर नहीं लगेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब सरकार और समाज मिलकर कार्य करेंगे, तो इसके अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे। कोई सोचता था कि यहां पर मेडिकल कॉलेज तथा नर्सिंग कॉलेज की स्थापना होगी।  आज बस्ती में त्रिकालदर्शी ऋषि महर्षि वशिष्ठ के नाम पर मेडिकल कॉलेज चल रहा है। उनके प्रति इससे बड़ी कृतज्ञता और क्या हो सकती है। सिद्धार्थनगर, देवरिया, कुशीनगर तथा महराजगंज में मेडिकल कॉलेज का निर्माण किया जा चुका है। गोरखपुर में एम्स संचालित हो रहा है। कार्य करने की इच्छा शक्ति होती है, तो संसाधन बाधा नहीं बनते। जब आप किंकर्तव्यविमूढ़ता की स्थिति में रहते हैं तब असमंजस की स्थिति उत्पन्न होती है। हमें सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
प्रदेश में पूर्व सरकारें अनिर्णय का शिकार रहती थीं। नर्सिंग कॉलेज नहीं चलते थे। मेडिकल कॉलेज, फार्मेसी कॉलेज नहीं बन पाते थे। निजी क्षेत्र में अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेज का अभाव था। जो निर्णय 50 वर्ष पूर्व लिए जाने चाहिए थे, वह नहीं लिए गए। यहां के युवाओं को पलायन करने के लिए मजबूर किया गया। उनकी प्रतिभा को कुंद करने का प्रयास किया गया। यदि यहां 50 वर्ष पूर्व नर्सिंग कॉलेज, फार्मेसी कॉलेज, लॉ कॉलेज आदि का निर्माण होता, तो यहां का युवा भी जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर पाता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज संयोग से मुण्डेरवा चीनी मिल के दिवंगत किसानों की श्रद्धांजलि का भी दिन है, जिनकी लगभग दो दशक पूर्व निर्मम हत्या कर दी गई थी। जब सकारात्मक सोच से युक्त तथा अन्नदाता के हितों के लिए कार्य करने वाली सरकार आयी, तो मुण्डेरवा में चीनी मिल ने भव्यता के साथ कार्य करना प्रारम्भ कर दिया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एक प्रसिद्ध साहित्यकार ने कहा था कि ‘बस्ती को बस्ती कहूं, काहे कहूं उजाड़’ अब बस्ती केवल एक बस्ती नहीं रही, बल्कि नगर बन चुकी है। यह विकास की प्रक्रिया को भव्यता के साथ आगे बढ़ाने वाला नगर बन चुका है। विधायक श्री अजय सिंह मखौडा धाम का पुनरोद्धार कर रहे हैं। वह मखौडा धाम में विरासत की पुनर्स्थापना का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने मनोरमा नदी के पुनरोद्धार का बीड़ा स्वयं उठाया। तपसी धाम भव्यता के साथ आगे बढ़ रहा है। आजादी के लिए स्वयं को बलिदान करने वाली हुतात्माओं को श्रद्धांजलि देने के लिए स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में तपसी धाम में तीन दिवस का भण्डारा चलता है। वहां हजारों लोग अन्न ग्रहण करते हैं। देश में यह पहला स्थान है, जहां क्रांतिकारियों की स्मृति में भण्डारे का आयोजन किया जाता है। राम जानकी मार्ग बस्ती से होकर जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्ती में विकास की यात्रा को आगे बढ़ाने के लिए इजरायल के सहयोग से सेण्टर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई है। यह हॉर्टिकल्चर का बेहतरीन केंद्र बनकर उभरा है। इसके एक्सटेंशन की आवश्यकता है। इसको ब्लॉक स्तर तक विस्तारित करना चाहिए। किसानों के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए, ताकि हम अपने उत्पाद को निर्यात योग्य बना सके। आम की आम्रपाली किस्म बस्ती की देन है। अमरूद, लीची जैसी अन्य औद्यानिक फसलों पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। इससे किसानों की आय में कई गुना वृद्धि होगी। गत वर्ष राज्य से एक टीम मॉस्को भेजी गई। जो आम प्रदेश में 50-60 किलो बिकता है, वही आम मॉस्को में 800 से लेकर 1,000 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा था। निर्यात आदि में हुए व्यय को यदि निकाल दिया जाए, तो लगभग 600 रुपये की बचत होती है। सरकार आम के निर्यात के लिए सब्सिडी प्रदान करती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गो-सेवा आयोग के उपाध्यक्ष श्री महेश शुक्ला ने
प्राकृतिक खेती के लिए करना प्रारंभ किया। प्राकृतिक खेती में देसी नस्ल की गायों का उपयोग करने से किसानों को लाभ की प्राप्ति होगी। प्राकृतिक खेती के माध्यम से जहर मुक्त अनाज की प्राप्ति हो सकेगी। यह धरती माता तथा समाज के प्रति हमारी कृतज्ञता होगी। जो उत्पाद प्राप्त होगा, वह जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से भी बच पाएगा। गुणवत्ता में वृद्धि हो सकेगी। प्रति एकड़ 10 हजार से 12 हजार रुपये की बचत होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं हो सकता। शॉर्टकट रास्ता किसी व्यक्ति को मंजिल तक नहीं पहुंचा सकता। जीवन में आगे बढ़ाने के लिए कठिन से कठिन रास्ते को तय करने का प्रयास करिए, लेकिन शॉर्टकट रास्ता कभी मत अपनाइए। लक्ष्य प्राप्ति के लिए सही दिशा में किया गया प्रयास कभी व्यर्थ नहीं होता।
इस अवसर पर संस्थान के विद्यार्थियों द्वारा श्री हनुमान चालीसा पर आधारित नृत्य प्रस्तुत किया गया।
कर्मा देवी शैक्षणिक समूह के संस्थापक एवं अध्यक्ष श्री ओम नारायण सिंह ने स्वागत उद्बोधन किया।
कार्यक्रम में कर्मा देवी शैक्षणिक समूह की प्रबंधक श्रीमती नीता सिंह, उत्तर प्रदेश गो-सेवा आयोग के उपाध्यक्ष श्री महेश शुक्ला, विधायक श्री अजय सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री संजय चौधरी सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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