लखनऊ।हज़रत ख़्वाजा मोहम्मद नबी रज़ा शाह अलमारूफ दादा मियां का ११८ वां सालाना उर्स मुबारक बहुत शानो शौकत के साथ मनाया जा रहा है। आज उर्स का दूसरा दिन है और दादा मियां के आस्ताने पर ज़ायरीन हज़रात का हुजूम मौजूद है, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तराखंड, कर्नाटक, उड़ीसा और उत्तर प्रदेश के लगभग सभी ज़िलों से दादा मियां के चाहने वाले तशरीफ़ ला चुके हैं। उर्स का नूरानी मंजर हर किसी को दादा मियां के फ़ैज़ान से रुबरु करा रहा है। आज सुबह ६ बजे कुरान ख्वानी की महफ़िल का आयोजन हुआ जिसमें सदर बाजार के मदरसों के तालिबे इल्म बच्चों ने शिरकत की, और दारुल उलूम शाहे रज़ा के मुदर्रिस जनाब अनवर जहांगीरी ने इज्तेमाई दुआ कराई, जिसमें बहुत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। दरगाह शरीफ़ के सज्जादानशीन हज़रत ख़्वाजा मुहम्मद सबाहत हसन शाह उर्स में आने वाले मेहमानों को अपनी दुआओं से नवाज रहे हैं और सभी अच्छे मुस्तकबिल की दुआ फरमा रहे हैं। उर्स में आने वाले आम और खास जायरीन के लिए रहने और लंगर की माकूल व्यवस्था दरगाह प्रशासन की तरफ से की गई है। शाम ५ बजे दरगाह शरीफ पर सरकारी चादर शरीफ पेश करने की रस्म अदा की गई। जिसमें क़व्वाली का एहतेमाम किया गया और पुरानी रिवायत के अनुसार सरकारी चादर शरीफ़ पेश की गई। चादर शरीफ के जुलूस में जायरीन का हुजूम मौजूद था। कव्वालों ने फारसी कलाम पढ़ते हुए यह चादर शरीफ दरगाह तक पहुंचाई फिर उसके बाद यह चादर दादा मियां की मजार पर पेश की गई। रात ९ बजे हल्क़-ए-ज़िक्र की महफ़िल का आयोजन किया जाएगा। उसके बाद महफिले समां का आयोजन होगा जिसमें क़व्वाल हज़रात अपने अपने कलाम पेश करेंगे। कल सुबह १०:३० बजे एक सेमिनार का आयोजन होगा जिसमें मशहूर खतीब और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के प्रोफेसर जनाब डाक्टर वाहिद नज़ीर अपना आर्टिकल पेश करेंगे।