लखनऊ।उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद द्वारा गाज़ियाबाद की वसुंधरा योजना में स्थित दो प्रमुख ग्रुप हाउसिंग भूखण्डों की ई-नीलामी प्रक्रिया सफलतापूर्वक संपन्न हो गई है। यह नीलामी ३० सितंबर २०२५ को आयोजित की गई थी, जिसमें रियल एस्टेट कंपनियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया और प्रतिस्पर्धात्मक बोलियां प्रस्तुत कीं।
आवास आयुक्त द्वारा विधिवत विचारोपरांत उच्चतम बोली लगाने वाले फर्मों के प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।पहला भूखण्ड संख्या ७/जीएच-१ (कॉर्नर), जिसका क्षेत्रफल ३९,४८९ वर्ग मीटर है, के लिए तीन बोलीदाताओं ने भाग लिया। इस भूखण्ड की आरक्षित दर १,५२,०९१ प्रति वर्ग मीटर थी, जबकि ख्प्aूल्ेप्ब्aस् ँल्ग्त््म्दह झ्न्ू. थ्ू्. ने १,५२,९९१ प्रति वर्ग मीटर की उच्चतम बोली लगाकर इसे प्राप्त किया।दूसरा भूखण्ड संख्या ७/जीएच-३, जिसका क्षेत्रफल १५,५०५ वर्ग मीटर है, के लिए दो कंपनियां प्रतिस्पर्धा में रहीं। इसकी आरक्षित दर ?१,३८,२६४ प्रति वर्ग मीटर थी, जबकि ँRन्न् Eेूaूा थ्थ्झ् ने १,७५,८१४ प्रति वर्ग मीटर की उच्चतम बोली लगाकर यह भूखण्ड हासिल किया।
इन दोनों भूखण्डों की ई-नीलामी से परिषद को कुल ८७६ करोड़ का राजस्व प्राप्त होगा, जो आवासीय विकास कार्यों को और गति देगा।
परिषद अब आगामी १८ अक्टूबर २०२५ को पुनः एक बड़ी ई-नीलामी आयोजित करने जा रही है। इस नीलामी में लखनऊ, मेरठ, आगरा, बरेली, वाराणसी, गोरखपुर, कानपुर, मुरादाबाद, प्रयागराज, बाराबंकी, अयोध्या, सहारनपुर और गाज़ियाबाद सहित अनेक शहरों की रिक्त Eेंए, थ्घ्उ, श्घ्उ, प्घ्उ श्रेणी की आवासीय संपत्तियाँ तथा आवासीय भूखण्ड नीलामी में शामिल किए जाएंगे।इसके साथ ही लखनऊ की अवध विहार, वृन्दावन और वसुंधरा योजना (गाज़ियाबाद) में होटल, ग्रुप हाउसिंग, संस्थागत भवन एवं नर्सिंग होम के बड़े भूखण्ड भी प्रस्तावित हैं। लखनऊ के वृन्दावन योजना में आई.टी. सिटी की स्थापना हेतु विशेष रूप से नियोजित भूखण्डों को भी इस ई-नीलामी में शामिल किया गया है।
आवास परिषद के अधिकारियों ने बताया कि इन ई-नीलामियों से न केवल राजस्व वृद्धि होगी बल्कि राज्य के शहरी विकास को नई दिशा भी मिलेगी।