Wednesday, December 3, 2025
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पहले बेटियां सुरक्षित नहीं थीं, आज खुद बना रही हैं अपना रास्ता – सीएम योगी

सीएम योगी ने नारी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को समर्पित मिशन शक्ति-५.० का किया शुभारंभ

लखनऊ, २० सितंबर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को लोकभवन सभागार में नारी की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के लिए समर्पित महत्वाकांक्षी अभियान ‘मिशन शक्ति-५.०’ का भव्य शुभारंभ किया। इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि पहले बेटियां सुरक्षित नहीं थीं, लेकिन आज वे खुद अपने रास्ते बना रही हैं। उन्होंने कहा कि नारी सम्मान उनकी प्राथमिकता है, यही वजह है कि २०१७ के बाद से प्रदेश में महिलाओं की स्थिति में अभूतपूर्व परिवर्तन आया है। उन्होंने कहा कि सरकार की नीयत साफ होती है तो योजनाएं खुद अपना रास्ता बना लेती हैं।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी १,६४७ थानों में नवस्थापित मिशन शक्ति केंद्रों का बटन दबाकर उद्घाटन किया। साथ ही, मिशन शक्ति केंद्रों की एध्झ् पुस्तिकाओं, बुकलेट और ‘सशक्त नारी, समृद्ध प्रदेश’ फोल्डर का विमोचन भी किया। इस दौरान वीडियो कॉन्प्रâेंसिंग के माध्यम से सभी जनपदों के अधिकारीगण और मंत्रीगण इस ऐतिहासिक पल से जुड़े रहे।

सीएम योगी ने कार्यक्रम को संबोधन करते हुए कहा कि मिशन शक्ति के पांचवें चरण का शुभारंभ करते हुए उन्हें गर्व और प्रसन्नता हो रही है। पांच साल पहले, २०२० में इस अभियान की शुरुआत के समय लोग संशय में थे कि क्या होगा, कैसे होगा, इसकी थीम क्या होगी? लेकिन मिशन शक्ति को नारी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन से जोड़कर इसे नारी गरिमा के अनुरूप ढाला गया। आज इसके सकारात्मक परिणाम सबके सामने हैं। उन्होंने बताया कि इस अभियान ने नारी को सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन का मार्ग दिखाया है, जिसे तेजी से आगे बढ़ाया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद से २०१७ तक पुलिस में महिला कार्मिकों की संख्या महज १०,००० थी, लेकिन २०१७ से अब तक यह संख्या ४४,००० से अधिक हो गई है। हर भर्ती में २०ज्ञ् महिलाओं को अनिवार्य रूप से शामिल किया जा रहा है और उनकी समय पर ट्रेनिंग सुनिश्चित की जा रही है। हाल ही में संपन्न ६०,२०० पुलिस कार्मिकों की भर्ती में १२ हजार से अधिक महिलाएं शामिल हुई हैं, जो वर्तमान में ट्रेनिंग ले रही हैं। सीएम योगी ने कहा कि यह ‘मिशन रोजगार’ और बिना भेदभाव के नौजवानों को जोड़ने का परिणाम है कि २०१७ से पहले जो ट्रेनिंग क्षमता महज ३,००० थी, इसे बढ़ाकर अब ६०,००० से अधिक कर दिया गया है।
एम योगी ने वâहा कि शिक्षा और अन्य विभागों में भी महिला भर्ती को बढ़ावा दिया गया। २०१७ से पहले ट्रेनिंग की कमी एक बड़ी चुनौती थी, लेकिन अब उत्तर प्रदेश में ही ६०,२०० से अधिक पुलिसकर्मियों की ट्रेनिंग संभव हो रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, मातृ वंदना, फिट इंडिया मूवमेंट, स्वच्छ भारत मिशन (१२ करोड़ शौचालय), उज्ज्वला योजना (१० करोड़ कनेक्शन) से महिलाओं के चूल्हे के धुएं से मुक्ति मिली है, महिला स्वस्थ होगी तो परिवार सशक्त होगा। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत (५० करोड़ लाभार्थी) और ८० करोड़ को मुफ्त राशन जैसी योजनाओं को नारी गरिमा से जोड़ा। उन्होंने कहा कि परिवार में बीमारी के समय नारी अपना आभूषण तक गिरवी रखती है, इसलिए ये योजनाएं उसके सम्मान से जुड़ी हैं। उत्तर प्रदेश ने ३ करोड़ ग्रामीण भू-अभिलेख में १ करोड़ से अधिक महिलाओं के नाम किए और ६० लाख गरीबों को आवास उपलब्ध कराए गए। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में हर कल्याणकारी योजनाओं में है नारी केंद्रित दृष्टिकोण अपनाया जा रहा है।
इस अवसर पर दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक, महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्री बेबीरानी मौर्य, महापौर सुषमा खर्कवाल, मुख्य सचिव दीपक कुमार, प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, एमएलसी डॉ. महेंद्र सिंह, पुलिस महादनिदेशक राजीव कृष्ण समेत प्रशासनिक व पुलिस सेवा के कई अधिकारीगण व अन्य गणमान्य मौजूद रहे।

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