लखनऊ।किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग को राष्ट्रीय फार्माकोविजिलेंस सप्ताह-२०२५ के अवसर पर प्रतिकूल दवा प्रतिक्रियाओं (ADR) की सर्वाधिक संख्या रिपोर्ट करने के लिए सम्मानित किया गया। यह सम्मान संस्थान के फार्माकोलॉजी विभाग में आयोजित समारोह में विभागाध्यक्ष प्रो. सूर्यकान्त को प्रदान किया गया। इस अवसर पर डॉ. ज्योति बाजपेई और डॉ. अंकित कुमार को भी सम्मानित किया गया।कुलपति डॉ. (प्रो.) सोनिया नित्यानंद ने इस उपलब्धि पर विभाग को बधाई देते हुए कहा कि यह सम्मान विश्वविद्यालय की शिक्षा, शोध और रोगी सेवा की उत्कृष्ट परंपरा का परिचायक है।
रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग उत्तर प्रदेश का सबसे पुराना और सबसे बड़ा श्वसन रोग विभाग है, जिसकी स्थापना १९४६ में हुई थी। विभागाध्यक्ष प्रो. सूर्यकान्त के नेतृत्व में विभाग ने बीते एक दशक में रोग पहचान, उपचार, अनुसंधान और मरीज-कल्याण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए हैं। विभाग ने प्रदेश का पहला पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन सेंटर स्थापित किया है और इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा भारत सरकार ने टीबी के क्षेत्र में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का दर्जा दिया है।
स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय (अमेरिका) द्वारा प्रो. सूर्यकान्त को विश्व के शीर्ष २ प्रतिशत वैज्ञानिकों में स्थान दिया गया है। विभाग वर्तमान में एलर्जी, टीबी, तंबाकू निषेध, आईएलडी, पल्मोनरी हाइपरटेंशन, पोस्ट कोविड और लंग कैंसर जैसी ९ विशेषता क्लीनिक संचालित कर रहा है।
विभाग सामाजिक उत्तरदायित्व में भी अग्रणी रहा है। टीबी मुक्त भारत अभियान में सक्रिय भागीदारी करते हुए डॉ. सूर्यकान्त ने एक गांव, एक स्लम क्षेत्र और १०० से अधिक टीबी पीड़ित बच्चों को गोद लिया। कोविड-१९ महामारी के दौरान विभाग ने मरीजों और स्वास्थ्यकर्मियों के लिए दवा वितरण, गर्म कपड़े और भोजन उपलब्ध कराकर मानवीय उदाहरण प्रस्तुत किया।