एण्डटीवी पर होगा गोलमाल!
एण्डटीवी के ‘हप्पू की उलटन पलटन’ में आने वाली कहानी दर्शकों को हंसा-हंसा कर लोटपोट करने वाली है। आने वाले एपिसोड में हप्पू (योगेश त्रिपाठी) एक बार फिर गड़बड़झाले में फँस जाता है। रात में उनकी मुलाकात टॉमी रिच नामक शख्स से होती है, जो दावा करता है कि गुंडों ने उस पर हमला किया और उसका मोबाइल झाड़ियों में गिर गया। टॉमी मदद की गुहार लगाता है, लेकिन न्योछावर का भारी पैसा साथ ले जा रहे हप्पू शक करते हुए उसे पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की सलाह देकर आगे बढ़ जाता है। बाद में हप्पू को उन्हीं झाड़ियों में सोने के गहनों से भरा एक बैग मिलता है। इसे माता रानी की कृपा मानकर वह उस बैग को राजेश (गीताांजलि मिश्रा) को सौंप देते हैं। मुसीबत तब बढ़ जाती है जब राजेश, बिना हप्पू को बताए, बैग गब्बर (साहेब दास मणिकपुरी) को दे देती है, जो वादा करता है कि गहनों को पिघलाकर सोने की ईंटों में बदल देगा। हंगामा तब मचता है जब हप्पू को पता चलता है कि ये गहने दरअसल टॉमी रिच के हैं और गब्बर का दावा है कि बैग गायब हो गया है! सच्चाई जानने के लिए हप्पू, बेनी (विश्वनाथ चटर्जी) और मनोहर (नितिन जाधव) भैंस का वेश धरकर गब्बर से सच उगलवाने की कोशिश करते हैं। उधर, ऋतिक (आर्यन प्रजापति) और रणबीर (सौम्या आज़ाद) अपने दोस्त हल्के से प्रेरित होकर प्लांचेट करने की कोशिश करते हैं। हल्के ने इसी बहाने कियारा को प्रभावित किया था। दोनों भाई आत्मा खोदी (शरद व्यास) को बुला लेते हैं, जो उनकी शरारती नीयत कटोरी अम्मा (हिमानी शिवपुरी) के सामने खोल देता है। हमेशा की तरह अम्मा अपनी समझदारी से बच्चों को सही रास्ता दिखाती हैं। दूसरी ओर, सोनू (संजय चैधरी) मल्लिका (सोनल पंवार) को प्रभावित करने के लिए इस बार नया पैंतरा अपनाता है। वह ‘टिटू’ नाम की लड़की के साथ नकली प्रेम-त्रिकोण का ड्रामा रचता है और यहाँ तक कि अपनी जान दाँव पर लगाने का दिखावा करता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या मल्लिका सोनू की चाल में फँसेगी? और क्या हप्पू अपना गहनों वाला बैग ढूँढ पाएँगे?
एण्डटीवी के ‘भाबीजी घर पर हैं’ के आगामी एपिसोड में कहानी नया मोड़ लेने वाली है। डेविड चाचा (अनूप उपाध्याय) को अचानक दक्षिण अफ्रीका में भारी संपत्ति विरासत में मिलती है और वे उसे विभूति (आसिफ शेख) को देने का फ़ैसला कर लेते हैं। कागज़ों पर दस्तख़त होने ही वाले होते हैं कि तभी चारमी (चारुलता) एंट्री करती हैं, जो खुद को “चार्मी डेविड मिश्रा” बताती हैं। विभूति और अनीता (विदिशा श्रीवास्तव) हैरान रह जाते हैं जब चाचाजी अपनी माँ को पहचान लेते हैं और अपनी किस्मत का श्रेय उसी को देते हुए पूरी संपत्ति चार्मी के नाम करने का निश्चय कर लेते हैं। बाहर से शांत दिखने वाली अनीता अंदर ही अंदर ग़ुस्से में फट पड़ती हैं और विभूति पर अपना ग़ुस्सा निकालती हैं। इसी बीच, चार्मी अपना असली इरादा बताती है कि वह मोंटी नाम के एक कनपुरिया लड़के को ढूँढ रही है, जिसे बरसों पहले उसके पालतू कुत्ते ने काट लिया था और सदमे में वह कुत्ते जैसी हरकतें करने लगा था। चार्मी चाहती है कि यह संपत्ति मोंटी को मिले। यह सुनकर विभूति और अनीता नई योजना बनाते हैं। विभूति खुद मोंटी बनने से इनकार करता है, लेकिन ‘मोंटी का भाई बंटी’ बनने को तैयार हो जाता है और तिवारी (रोहिताश्व गौड़) को मोंटी बनने के लिए मना लेता है। नाटक के दौरान विभूति तिवारी की झूठी तारीफ़ों के पुल बाँधता है, लेकिन सबको चैंकाते हुए चार्मी तिवारी यानी नकली मोंटी की तरफ़ आकर्षित होने लगती है! इधर, अंगूरी (शुभांगी अत्रे) लौटती है और तिवारी की ग़ैरमौजूदगी पर शक करने लगती है। अब देखना है कि विभूति और तिवारी का यह नाटक रंग लाएगा या बुरी तरह फेल होगा।