सीएम योगी आईजीपी में छात्रवृत्ति वितरण समारोह में चार लाख छात्रों को वितरित की छात्रवृत्ति
लखनऊ।अनुसूचित जाति-जनजाति के करीब पांच लाख छात्रों को संस्थान की ओर से डाटा अपलोड न करने की वजह से छात्रवृत्ति नहीं मिल पायी क्योंकि डाटा लॉक हो गया था। ऐसे छात्रों को दीपावली से पहले छात्रवृत्ति देने के लिए पैसा तैयार कर लिया गया है। छात्रवृत्ति से वंचित सभी छात्रों को दीपावली से पहले उनके खाते में छात्रवृत्ति भेज दी जाएगी। वहीं जिनकी वजह से छात्रों को स्कॉलरशिप नहीं मिल पायी है, उनकी भी जवाबदेही तय की जाएगी ताकि आने वाले समय में ऐसी त्रुटि न हो। किसी भी देश और प्रदेश की आर्थिक प्रगति का पैमाना शिक्षा से शुरू होता है। ऐसे में छात्रों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराना हमारी जिम्मेदारी है। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को आईजीपी में आयोजित छात्रवृत्ति वितरण समारोह में कही। इस दौरान सीएम योगी ने कई छात्रों को छात्रवृत्ति वितरित की।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्ष २०१७ से पहले छात्रवृत्ति वितरित की जाती थी, लेकिन छात्र के खाते में पहुंचती नहीं थी। इसमें मनमानी होती थी। वहीं जो छात्रवृत्ति छात्रों को सितंबर-अक्टूबर में प्राप्त होनी चाहिए थी, वह छात्रवृत्ति मार्च-अप्रैल तक पहुंचती थी। इसमें भी भेदभाव होता था। वर्ष २०१६ में अनुसूचित-जनजाति के छात्रों की छात्रवृत्ति ही नहीं दी गई। जब वर्ष २०१७ में हमारी सरकार आई, तो हमने वर्ष २०१६-१७ और २०१७-१८ की छात्रवृत्ति प्रदेश के एक-एक बच्चे को दी गयी। उन्होंने कहा कि समाज कल्याण विभाग द्वारा ९ से १२ वीं के अनुसूचित जाति-जनजाति और सामान्य जाति के ४ लाख छात्रों को छात्रवृत्ति उपलब्ध करायी जा रही है। इसमें पहले चरण में १ लाख १२ हजार छात्र छात्रवृत्ति प्राप्त कर रहे हैं। पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के ढाई लाख से अधिक छात्र-छात्राएं और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के २५,००० छात्र-छात्राएं सुविधा का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। सीएम ने कहा कि वर्ष २०१७-१८ से वित्तीय वर्ष २०२४-२५ तक अनुसूचित जाति-जनजाति के १ करोड़ २३ लाख छात्रों को ९,१५० करोड़ रुपए की धनराशि वितरित की गई है। यह पैसा डीबीटी के माध्यम से उनके अकाउंट में भेजा गया। वर्ष २०१७-१८ से २०२४-२५ में सामान्य वर्ग के ५८ लाख ९० हजार छात्र-छात्राओं को ५,९४५ करोड़ रुपए उनके अकाउंट में भेजे गये।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्ष २०१७-१८ में १,६४८ करोड़ ९१ लाख, २०१८-१९ में १,८८३ करोड़ ९६ लाख, २०१९-२० में १,८८७.२९ करोड़, २०२०-२१ में १,५०५ करोड़ ५३ लाख, २०२१-२२ में १,५८१ करोड़ ४२ लाख, २०२२-२३ में १,८१३ करोड़ ९७ लाख, २०२३-२४ में २,६०८ करोड़ १३ लाख, २०२४-२५ में २,८६१ करोड़ ३८ लाख और २०२५-२६ में ३,१२४ करोड़ ४५ लाख रुपये छात्रवृत्ति दी गयी। सीएम ने कहा कि वर्ष २०१७-१८ में १,६४८ करोड़ छात्रवृत्ति दी जाती थी और आज २०२५-२६ में स्कॉलरशिप दोगुनी हो चुकी है। आज ३,१२४ करोड़ ४५ लाख रुपये छात्रवृत्ति पिछड़े वर्ग के छात्रों को उपलब्ध करायी जा रही है। सरकार द्वारा लगातार राशि में वृद्धि करते हुए छात्रों को योजना से जोड़ा जा रहा है। सरकार द्वारा छात्रवृत्ति को तकनीक से बेहतर करने, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से वेरिफिकेशन की कार्रवाई को आगे बढ़ाना, डीबीटी के माध्यम से छात्रों के अकाउंट में पैसा भेजने की कार्रवाई की जा रही है ताकि बीच में किसी का भी हस्तक्षेप न हो।
सीएम ने कहा कि हमारे देश ने ही शिक्षा के अधिकार को मौलिक अधिकार बनाया। आरटीई के तहत हर छात्र स्कूली शिक्षा प्राप्त कर सके, इसे अनिवार्य किया गया है। वहीं हर छात्र स्नातक तक शिक्षा प्रâी में प्राप्त हो सके, इसके लिए अनेक स्कीम तैयार की गई और राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनायी गयी है। इसके अलावा हर छात्र को छात्रवृत्ति प्राप्त हो सके, इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘वन नेशन वन स्कॉलरशिप’ की व्यवस्था लागू की है। छात्रावास में रहने-खाने की व्यवस्था दी जा रही है, स्कॉलरशिप दी जा रही है, यूनिफॉर्म दिए जा रही है। बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में १ करोड़ ६० लाख बच्चों के लिए दो यूनिफॉर्म, जूता, मोजा, प्रâी स्वेटर की भी व्यवस्था की जा रही है जिससे वे बच्चे पढ़-लिख जाएं।
इस अवसर पर मंत्री नरेंद्र कश्यप, असीम अरूण, राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी, संजीव गौड़, अनुसुचित जाति-जनजाति आयोग के अध्यक्ष बैजनाथ रावत, मेयर सुषमा खर्कवाल, राज्यसभा सांसद बृजलाल, विधान परिषद सदस्य मुकेश शर्मा, रामचंद्र प्रधान, लालजी प्रसाद निर्मल, इं. अवनीश कुमार सिंह और विधान सभा सदस्य जया देवी आदि मौजूद रहे।