लखनऊ।ऋषभ शेट्टी की बहुचर्चित फिल्म कांतारा चैप्टर १ सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। यह फिल्म ७ भाषाओं में उपलब्ध है और दर्शकों को रहस्यमय व सांस्कृतिक यात्रा पर ले जाती है।कहानी कर्नाटक के काल्पनिक गांव कांतारा और उसके जंगलों के इर्द-गिर्द घूमती है।
गांववासी मानते हैं कि जंगल और उनकी रक्षा देवताओं के अधीन है, लेकिन भूमि पर कब्जे की लालसा रखने वाला राजा और उसका पुत्र कुलसेखर इस शांति को तोड़ते हैं। कुलसेखर के अत्याचार का अंत आदिवासी नेता बर्मे अपने साहस और रणनीति से करता है। कहानी में कनकवती (रुक्मिणी वसंत) की एंट्री और देवता पनजुरली की शक्ति फिल्म में रहस्य और रोमांच भरते हैं।
फिल्म सिर्फ़ असत्य और सत्य के संघर्ष तक सीमित नहीं रहती, बल्कि अमीर-गरीब, शांति-क्रोध, सभ्यता-जंगल जैसे द्वंद्वों को भी बेहद संवेदनशील और रोमांचकारी अंदाज़ में सामने लाती है। गोरिल्ला-स्टाइल की फाइट, बेकाबू रथ का दृश्य और क्लाइमेक्स का धांसू एक्शन सीक्वेंस – सबकुछ महाकाव्य शैली, शानदार वीएफएक्स और उम्दा सिनेमैटोग्राफी से सजा है। बैकग्राउंड स्कोर और गाने फिल्म के अनुभव को और ऊंचाई तक ले जाते हैं।ऋषभ शेट्टी ने निर्देशक, लेखक और अभिनेता – तीनों भूमिकाओं में कमाल किया है,उनकी अदाकारी हर स्तर पर प्रभावित करती है। एक्शन दृश्यों में उनकी तीव्रता, भावनात्मक पलों में संवेदनशीलता और देवस्वरूप अवतार में उनकी प्रभावी उपस्थिति दर्शकों को रोमांचित करती है। ऋषभ शेट्टी का बर्मे के रूप में प्रदर्शन प्रभावशाली है। रुक्मिणी वसंत फिल्म की न्यू एडिशन हैं। अपनी खूबसूरती और अभिनय से उन्होंने स्क्रीन पर चार चांद लगाए, जबकि उनके किरदार का ट्विस्ट दर्शकों को चौंकाता है। रुक्मिणी वसंत ने दमदार परफॉर्मेंस दी है, जबकि जयराम और गुलशन देवैया ने भी अपने किरदारों को मजबूती से निभाया। निर्देशन में ऋषभ शेट्टी ने फिल्म का टोन रॉ और रियल रखा है। अरविंद एस. कश्यप की सिनेमैटोग्राफी और प्रोडक्शन डिजाइन ने आदिवासी संस्कृति और जंगल की खूबसूरती को बखूबी दर्शाया है। बैकग्राउंड स्कोर और गाने (अजनीश लोकनाथ) फिल्म का प्रभाव और बढ़ाते हैं।हालांकि, फिल्म के कुछ दृश्य धीमे लगते हैं और हिंदी डबिंग में भावनात्मक गहराई पूरी तरह से नहीं उतर पाती। बावजूद इसके, फिल्म अपने विजुअल्स, लोककथाओं और अभिनय से दर्शकों को बांधे रखती है।कांतारा चैप्टर १ सिर्फ़ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक अनुभव है। रहस्य, लोकविश्वास और दमदार अभिनय के साथ यह दर्शकों को एक अलग दुनिया में ले जाती है।अगर आप एक रहस्यवादी, पौराणिक लोककथाओं पर आधारित दमदार फिल्म देखना चाहते हैं, जिसमें भव्यता, शानदार विज़ुअल्स और बेहतरीन अदाकारी का संगम हो, तो कांतारा: चैप्टर १ आपके लिए है।