Wednesday, December 3, 2025
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केजीएमयू में मनाया गया राष्ट्रीय टूथ ब्रशिंग दिवस

केजीएमयू में मनाया गया राष्ट्रीय टूथ ब्रशिंग दिवस, 15 हजार बच्चों ने ऑनलाइन एक साथ किया दाँतों की सफाई का अभ्यास

लखनऊ, 7 नवम्बर 2025।
मुख की सफाई और दाँतों की देखभाल के महत्व पर जन-जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय टूथ ब्रशिंग दिवस आज देशभर में मनाया गया। इसी क्रम में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक हेल्थ डेंटिस्ट्री द्वारा ‘अनंत मुस्कान कार्यक्रम’ के अंतर्गत एक विशेष ऑनलाइन नेशनल टूथब्रशिंग सेशन आयोजित किया गया, जिसमें देशभर के 150 से अधिक स्कूलों ने भाग लिया और लगभग 15,000 स्कूली बच्चों ने एक साथ दाँतों की सफाई की गतिविधि में हिस्सा लिया।

राष्ट्रीय टूथ ब्रशिंग दिवस का उद्देश्य लोगों में मुख की सफाई और दाँतों की देखभाल के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। यह दिवस प्रत्येक वर्ष 7 नवम्बर को मनाया जाता है ताकि सभी को दाँतों की सफाई के सही तरीके और ओरल हेल्थ के महत्व के बारे में जानकारी दी जा सके।
शोधों के अनुसार, दुनियाभर में लगभग 3.5 अरब लोग किसी न किसी प्रकार की मुँह की बीमारियों से प्रभावित हैं। भारत में भी यह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जहाँ लगभग 80% लोग दिन में केवल एक बार ब्रश करते हैं, और बहुत से लोग अब भी सही तरीके से ब्रश नहीं करते।
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक हेल्थ डेंटिस्ट्री द्वारा राष्ट्रीय टूथ ब्रशिंग दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य ओरल हाइजीन और स्वस्थ आदतों के महत्व को जन-जन तक पहुँचाना था।
विभागाध्यक्ष डॉ. विनय कुमार गुप्ता के मार्गदर्शन में, डॉ. गौरव मिश्रा, डॉ. सुमित कुमार पाल, डॉ. निशिता कंकाने एवं सभी रेज़िडेंट्स की सक्रिय सहभागिता से यह कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

अगर हम रोज़ ठीक से दाँत साफ़ नहीं करते हैं, तो हमारे मुँह में कीटाणु बढ़ जाते हैं। इससे कीड़े लगना (कैविटी), मसूड़ों से खून आना, दाँतों में दर्द, और मुँह से बदबू आना जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। जब बच्चों को दाँतों में दर्द या मुँह की तकलीफ़ होती है, तो वे स्कूल जाने से कतराने लगते हैं, जिससे उनके पढ़ाई के घंटे कम हो जाते हैं। लगातार ऐसा होने से यह उनके उज्ज्वल भविष्य पर भी असर डाल सकता है। इसलिए हमें दिन में दो बार ब्रश करना चाहिए – सुबह उठने के बाद और रात को सोने से पहले। साफ़ दाँत मतलब स्वस्थ मुस्कान, और स्वस्थ मुस्कान मतलब उज्ज्वल भविष्य!
7 नवम्बर 2025 को अनंत मुस्कान कार्यक्रम के अंतर्गत एक ऑनलाइन नेशनल टूथब्रशिंग सेशन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर रिसर्च टीम द्वारा 150 से अधिक स्कूलों से संपर्क स्थापित किया गया ताकि सुपरवाइज्ड ऑनलाइन टूथब्रशिंग एक्टिविटी को सफलतापूर्वक संपन्न कराया जा सके। अधिकांश विद्यालयों ने समयानुसार ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जुड़कर उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिसमें लगभग 15,000 स्कूली बच्चों ने एक साथ टूथब्रशिंग गतिविधि में सहभागिता की।
कार्यक्रम के दौरान डॉ. विनय कुमार गुप्ता, प्रोफेसर एवं हेड, डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक हेल्थ डेंटिस्ट्री, केजीएमयू तथा प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर, अनंत मुस्कान प्रोग्राम (लखनऊ साइट) ने सभी प्रतिभागी स्कूलों, मास्टर ट्रेनर्स एवं विद्यार्थियों को संबोधित किया। उन्होंने इस दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रारंभिक अवस्था से ही बच्चों में स्वस्थ ओरल हाइजीन हैबिट्स विकसित करना अत्यंत आवश्यक है, जिससे भविष्य में मुँह की सामान्य बीमारियों का भार कम किया जा सके।

इसी क्रम में, विभाग के रेज़िडेंट्स द्वारा डेंटल ओपीडी एवं पीडियाट्रिक ओपीडी में आने वाले मरीजों को ओरल हेल्थ एजुकेशन प्रदान की गई, साथ ही विभिन्न विद्यालयों में ओरल हेल्थ कैम्प्स का भी आयोजन किया गया।
लखनऊ साइट के अंतर्गत अब तक 275 स्कूलों को कवर किया जा चुका है। अब तक 350 शिक्षकों का प्रशिक्षण (Teacher Training) सफलतापूर्वक पूरा किया जा चुका है। इन प्रशिक्षित शिक्षकों के माध्यम से हम विद्यालयों में बच्चों तक सही मौखिक स्वच्छता की जानकारी पहुँचा रहे हैं। इसके साथ ही, इस कार्यक्रम के जरिए लगभग 80,000 माता, पिता और अन्य लोगों तक मौखिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाई जाएगी।
इस कार्यक्रम का लक्ष्य 375 से अधिक स्कूलों तथा 40,000 से अधिक विद्यार्थियों तक पहुँचना है, जिससे आने वाली पीढ़ी में बेहतर ओरल हेल्थ प्रैक्टिसेज़ को बढ़ावा दिया जा सके और “हर मुस्कान हो स्वस्थ मुस्कान” के उद्देश्य को साकार किया जा सके।

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