लखनऊ, 9 अक्टूबर 2025: भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार और बीजेपी के स्टार प्रचारक पवन सिंह तथा उनकी पत्नी ज्योति सिंह के बीच चल रहा विवाद बुधवार को लखनऊ में खुले मंच पर आ गया। पहले पवन सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पत्नी पर निजी और राजनीतिक आरोप लगाए, तो कुछ ही घंटों बाद ज्योति सिंह ने भी मीडिया के सामने आकर पलटवार किया। दोनों के बयानों में एक-दूसरे पर गंभीर आरोपों के साथ निजी रिश्तों, राजनीति और सामाजिक सम्मान की बहस खुलकर सामने आई।
राजनीतिक गलियारों में अब कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर पवन सिंह चुनाव लड़ते हैं तो ज्योति सिंह उनके खिलाफ मैदान में उतर सकती हैं।
पवन सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उनकी पत्नी उनसे हाल ही में मिलने आई थीं, लेकिन “उनका उद्देश्य सिर्फ मुलाकात नहीं था।” उन्होंने बताया कि उनके बीच तलाक और मेंटेनेंस का केस पहले से कोर्ट में चल रहा है। पवन ने कहा—“अगर मैं मिलना नहीं चाहता तो कोई मुझसे मिल नहीं सकता था। फिर भी मैंने सम्मान दिया और मुलाकात की।”
उन्होंने कहा कि ज्योति सिंह ने इंस्टाग्राम पोस्ट डालकर मिलने की बात कही थी और उसी आधार पर वह आईं। “मैंने प्रशासन को इसकी जानकारी दी थी ताकि कोई विवाद न हो।”
पवन सिंह ने अपने राजनीतिक संपर्कों पर उठे सवालों का जवाब देते हुए कहा—“अगर मैं अमित शाहजी, नड्डाजी, धर्मेंद्र प्रधानजी से मिला तो इसका मतलब ये नहीं कि ज्योतिजी का अपनापन अचानक चुनाव से एक महीना पहले जाग गया। अगर उन्हें स्नेह दिखाना था तो पहले भी दिखा सकती थीं।”
उन्होंने कहा—“मेरा ध्यान अपने काम पर है। निजी विवादों को राजनीति से जोड़ना गलत है। मैं भी इंसान हूं, थकता हूं, भावनाएं हैं, पर हर बार मर्द का दर्द दिखाई नहीं देता।”
इसी बीच, कुछ घंटे बाद ज्योति सिंह ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जवाब दिया। उन्होंने कहा—“मैं अपने पति से मिलने आई थी ताकि रिश्ता सुधरे, टूटे नहीं। लेकिन उनके गार्ड ने ऊपर जाने नहीं दिया, पुलिस बुला ली गई। मुझे थाने ले जाने की बात कही गई। मैंने मना कर दिया और इसका वीडियो भी बनाया।”
ज्योति सिंह ने कहा कि अगर पवन सिंह उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार करते हैं तो वह राजनीति छोड़ने को तैयार हैं, “मैं अपने परिवार तक को छोड़ सकती हूं, लेकिन बशर्ते पवन सिंह मुझे पत्नी मानें। अगर वे स्वीकार नहीं करते तो मैं चुनाव जरूर लड़ूंगी।”
उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न झेलना पड़ा है—“अगर उन्हें बच्चा चाहिए होता तो वे मुझे गर्भपात की दवा नहीं खिलाते। इसी वजह से एक बार मैंने 25 स्लीपिंग पिल्स खा ली थीं।”
ज्योति ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान पवन सिंह ने उन्हें प्रचार के लिए बुलाया था—“उन्होंने मुझे सिंदूर लगाया, तब भी मामला कोर्ट में था। प्रचार कराया और बाद में छोड़ दिया। क्या ये रिश्ता सिर्फ इस्तेमाल करने के लिए था?”
उन्होंने बताया कि वह पिछले एक साल से बिहार के काराकाट क्षेत्र में सामाजिक काम कर रही हैं और उनकी बातचीत आरजेडी से चल रही थी। “अगर पवन सिंह मुझे पत्नी नहीं मानते तो मैं उनके खिलाफ चुनाव मैदान में उतरूंगी।”
ज्योति सिंह ने यह भी कहा कि जब वह पवन सिंह के लखनऊ फ्लैट पर मिलने गईं, तो पुलिस का सहारा लेकर उन्हें बाहर निकाल दिया गया—“मुझे FIR की धमकी दी गई। मेरे पास कोई सुरक्षा नहीं है, जबकि उन्हें सुरक्षा दी गई है।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सुरक्षा की गुहार लगाते हुए कहा—“पवन जी के फैंस मुझे धमकियां दे रहे हैं। मोदी जी, मेरा सिंदूर भी बचा लीजिए।”
इस विवाद के राजनीतिक मायने गहरे हैं। एक तरफ पवन सिंह बीजेपी के स्टार प्रचारक हैं, वहीं ज्योति सिंह की आरजेडी में संभावित एंट्री की चर्चा तेज हो गई है। इससे यह मामला अब पति-पत्नी का निजी विवाद नहीं, बल्कि बिहार की राजनीति और भोजपुरी समाज के प्रभावशाली समीकरणों का विषय बन गया है।