Wednesday, December 3, 2025
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एसजीपीजीआई ने प्रधानमंत्री मोदी के 75वें जन्मदिन पर 75 क्षय रोगियों को गोद लिया

लखनऊ, 17 सितम्बर । प्रधानमंत्री श् नरेन्द्र मोदी जी के 75वें जन्मदिन के अवसर पर संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई), लखनऊ में “75 क्षय रोगियों के लिए गोद लेने और पोषण कार्यक्रम” का सफल आयोजन किया गया। इस पहल का उद्देश्य क्षय रोग के प्रति जागरूकता फैलाना और मरीजों को भावनात्मक, सामाजिक एवं पोषण सहयोग प्रदान करना था।

कार्यक्रम के दौरान एसजीपीजीआई परिवार के संकाय सदस्यों, रेजीडेंट डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ, टेक्नोलॉजिस्ट और स्थायी कर्मचारियों द्वारा 75 से अधिक क्षय रोगियों को गोद लिया गया। प्रत्येक रोगी को गुड़, चना सत्तू, मूंगफली और हॉर्लिक्स युक्त “पोषण पोटली” वितरित की गई। यह पहल उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा से आयोजित की गई।

संस्थान के निदेशक प्रो. आर.के. धीमन के मार्गदर्शन में कार्यक्रम का सफल संचालन माइक्रोबायोलॉजी विभाग की प्रोफेसर एवं बीएसएल-3 ट्यूबरकुलोसिस लैब की नोडल अधिकारी डॉ. ऋचा मिश्रा ने किया। उन्होंने राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के अंतर्गत ‘निक्षय मित्र पहल’ और ‘निक्षय पोषण योजना’ की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सामुदायिक भागीदारी और पोषण सहयोग, उपचार के सफल परिणामों के लिए अत्यंत आवश्यक है।

पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के प्रमुख प्रो. आलोक नाथ ने अपने स्वागत भाषण में व्यापक टीबी देखभाल के प्रति विभाग की प्रतिबद्धता दोहराई। निदेशक प्रो. आर.के. धीमन ने कहा –“कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ‘करुणा से उपचार’ है। भारत में दुनिया का सबसे बड़ा टीबी बोझ है, लेकिन यदि प्रत्येक रोगी के लिए स्वैच्छिक अभिभावक आगे आएँ और पोषण सहायता के साथ उपचार की निगरानी करें, तो हम निश्चित रूप से कुछ वर्षों में टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य हासिल कर लेंगे।”लखनऊ के जिला टीबी अधिकारी डॉ. अतुल सिंघल ने एनटीईपी के क्रियान्वयन में आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की।माइक्रोबायोलॉजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अक्षय आर्य और डॉ. विक्रम जीत सिंह ने भी सक्रिय रूप से भाग लेकर कार्यक्रम की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

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