डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान का स्थापना दिवस समारोह
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सारे पद समय के अनुसार चलते हैं और बदलते रहते हैं। इस भ्रम में न रहें कि आप समय के अनुरूप चलेंगे या समय के चक्र को रोक लेंगे। यह महाकाल का आसन है, इस पर किसी का शासन नहीं है। अगर हम समय के अनुरूप चलेंगे तो हमें कोई नहीं पहचानेगा, इसलिए हमें समय से आगे सोचना होगा।

सीएम योगी शनिवार को डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के पांचवें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने संस्थान की २९८ करोड़ रुपए की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। कार्यक्रम इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित हुआ, जहां मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विक्रम सिंह, निदेशक डॉ. सीएम सिंह, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा और डीन प्रद्युम्न सिंह मौजूद रहे।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने संस्थान को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि चिकित्सा विज्ञान में तकनीकी उत्कृष्टता के साथ-साथ रोगियों के प्रति संवेदना और सहानुभूति भी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा –“सही उपचार तभी सफल होता है जब डॉक्टर रोगी को यह विश्वास दिलाते हैं कि वह अवश्य स्वस्थ होगा। मरीज में आत्मविश्वास जगाना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि दवा और उपचार।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार का संकल्प है कि परिधीय अस्पतालों और नए मेडिकल कॉलेजों को सशक्त बनाया जाए ताकि गाँव-गाँव और कस्बों तक उच्चस्तरीय इलाज पहुँच सके।
उन्होंने याद दिलाया कि योजना, अनुसंधान और समर्पण से प्रदेश ने इन्सेफेलाइटिस (दिमागी बुखार) जैसी बीमारी को नियंत्रित किया और हजारों परिवारों के चेहरे पर मुस्कान लौटाई।
मुख्यमंत्री ने संस्थान में स्थापित गामा नाइफ (Gamma Knife) तकनीक की भी प्रशंसा की और कहा कि यह प्रदेश के न्यूरो रोगियों के लिए एक बड़ी सौगात है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमें अनुसंधान और रोग-निवारण पर ध्यान देना चाहिए तथा तकनीकी संस्थानों के साथ एमओयू कर चिकित्सा उपकरण और डिवाइस विकसित करने चाहिए, जिससे उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य नवाचार के नए अवसर बनेंगे।

सीएम योगी ने कहा कि बीमारी केवल शारीरिक नहीं, मानसिक रूप से भी होती है। यदि मरीज की बात को शांति से सुना जाए तो बीमारी पर आधी विजय मिल जाती है। उन्होंने एडवांस न्यूरो साइंस सेंटर और करीब ४५ करोड़ की लागत वाली गामा नाइफ मशीन सहित कई प्रोजेक्ट शुरू करने पर संतोष जताया।
डॉक्टरों के व्यवहार पर विशेष जोर देते हुए सीएम योगी ने कहा कि मरीजों के प्रति डॉक्टर का व्यवहार बहुत महत्वपूर्ण है। डॉक्टर को दो प्राथमिकताएं रखनी चाहिए – पहला उनका व्यवहार और दूसरा मरीजों व तीमारदारों के लिए मदद की भावना। उन्होंने कहा कि मरीज को समय पर व्हीलचेयर या स्ट्रेचर उपलब्ध कराना अस्पताल की जिम्मेदारी होनी चाहिए।
सीएम योगी ने अस्पतालों में प्राइवेट एम्बुलेंस पर निर्भरता को खत्म करने की बात कही और सुझाव दिया कि अस्पताल अपनी एम्बुलेंस खरीदें ताकि मरीजों को परेशानी न हो। उन्होंने जनता दर्शन का उदाहरण देते हुए कहा कि जब लोग गुस्से में भी आते हैं तो शांति और धैर्य से सुनने पर वे खुद माफी मांग लेते हैं।
उन्होंने डॉक्टरों से कहा कि उन्हें पिछड़े जिलों में जाकर वहां के डॉक्टरों को अपने अनुभव बताने चाहिए और उन्हें प्रेरित करना चाहिए कि वे अपनी सेवाओं की गुणवत्ता और बेहतर कर सकें।
उपमुख्यमंत्री श्रीही विश्वास संस्थान की सबसे बड़ी शक्ति है, जिसे सेवा और समर्पण से और मज़बूत करना है।”
मंत्री श्री मयंकश्वर शरण सिंह जी ने आह्वान किया कि संस्थान को NIRF रैंकिंग प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए ताकि यह देश के श्रेष्ठ चिकित्सा संस्थानों में शामिल हो सके।प्रमुख सचिव श्री पार्थ सारथी सेन शर्मा जी ने संस्थान द्वारा शुरू किए गए STEMI CARE कार्यक्रम की विशेष सराहना की। उन्होंने कहा कि यह पहल हृदयाघात (हार्ट अटैक) रोगियों की समय पर जान बचाने में एक मॉडल प्रोग्राम बनकर उभर रही है।
इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डॉ. सीएम सिंह मुख्यमंत्री, योगी आदित्यनाथ उप मुख्यमंत्री तथा कैबिनेट मिनिस्टर मेडिकल एजुकेशन, हेल्थ एण्ड फैमिली वेलफेयर ब्रजेश पाठक , स्टेट मिनिस्टर संसदीय कार्य, मेडिकल एजुकेशन, हेल्थ एण्ड फैमिली वेलफेयर मयंकेश्वर शरण सिंह , संस्थान के उपाध्यक्ष एवं प्रमुख सचिव मेडिकल एजुकेशन, हेल्थ एण्ड फैमिली वेलफेयर, पार्थ सारथी सेन शर्मा , संस्थान के डीन डॉ0 प्रद्युम्न सिंह, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ0 विक्रम सिंह, यहां उपस्थित सम्मानित अतिथिगण, संस्थान के फैकल्टी मेम्बर्स, रेजीडेन्ट्स, स्टूडेन्ट्स, समस्त सहयोगी साथियों का संस्थान के पंचम वार्षिक स्थापना दिवस के अवसर पर हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन किया। उन्हों ने बताया कि
मुख्यमंत्री के नेतृत्व में संस्थान उच्च गुणवत्तायुक्त स्वास्थ्य सुविधायें प्रदान कर रहा है जिसकी वजह से क्वालिटी काउंसिल आफ इंडिया की एक प्रमाणन एजेंसी है, उससे मान्यता प्राप्त करने वाला प्रदेश का पहला सरकारी संस्थान है। उन्हों ने कहा किउपमुख्यमंत्री ने भर्ती मरीजों के तीमारदारों द्वारा दवा के लिये दो-दो घंटे लाइन में खड़े रहने को लेकर चिंता जाहिर की गई थी। उसके परिणामस्वरूप 1 नवम्बर 2024 से भर्ती मरीजों के लिए बेड साइड ही दवा की डिलीवरी सुनिश्चित की गई। इस प्रकार 1000 भर्ती मरीजों को राहत मिल रही है।
निदेशक ने कहा कि संस्थान में केन्द्र सरकार तथा प्रदेश सरकार द्वारा प्रायोजित जन स्वास्थ्यकारी योजनाओं जैसे मुख्यमंत्री विवेकाधीन फंड, आयुष्मान भारत योजना, एवं अन्य सभी योजनाओं के अंतर्गत लाखों मरीज लाभान्वित हुये जिनके स्वास्थ्य पर लगभग ₹173 करोड़ उपयोग किया गया।
ऽ सितम्बर 2024 – अगस्त 2025 तक अगर मरीजों के आँकड़े की बात करें तो प्रतिदिन लगभग 3,800-4,000 मरीज ओ0पी0डी0 में आते हैं और करीब 600 मरीज रोज इमरजेन्सी में स्वास्थ्य लाभ लेते हैं। इस तरह करीब 9 लाख मरीज बीते वर्ष ओ0पी0डी0 में आये। वहीं करीब 72 हजार मरीज भर्ती किये गये। 8000 से अधिक प्रसूताओं ने बच्चों को जन्म दिया।
उन्हों ने कहा 1 वर्ष में संस्थान में कुल 18,544 बड़ी सर्जरी तथा कुल 15,136 छोटी सर्जरी की गईं।
ऽ 24×7 आपातकालीन सेवा पहले 48 घंटे तक मुफ्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
इमरजेन्सी ट्रायज में सिर्फ 20 बेड थे जिनको बढ़ाकर 52 बेड किया गया और 40 बेड अगले महीने तक और उपलब्ध हो जायेंगे।
इमरजेन्सी के पास ग्रीन ओ0पी0डी0 शुरू की गयी जिससे कम सीरियस मरीजों का वहीं पर उपचार किया जा सके और ज्यादा सीरियस मरीजों के लिये इमरजेन्सी में बेड उपलब्ध हो सके।
उन्हों ने कहा कि मुख्यमंत्री के दिशा निर्देशन में हमारा संस्थान देश का पहला राज्य-संचालित केन्द्र है जहाँ ळंउउं ज्ञदपमि चिकित्सकीय प्रणाली उपलब्ध होगी।
संस्थान में विश्व के सबसे अच्छे रोबोट द्वारा लगभग 150 मरीजों की सर्जरी की जा चुकी है। भविष्य में रोबोटिक सर्जरी द्वारा त्मदंस ज्तंदेचसंदज करने की भी पूरी तैयारी की जा चुकी है।
संस्थान को नोडल सेंटर बनाया गया है। इस परियोजना के तहत प्रदेश के 10 जिलों के 70 सरकारी हास्पिटलों में ईसीजी करके त्डस् को भेजा जाता है। केवल पाँच मिनट के भीतर यदि हार्ट अटैक की पुष्टि होती है, तो रोगी को हृदयाघात के उपचार हेतु सबसे उन्नत इंजेक्शन जो राज्य सरकार द्वारा मुफ्त उपलब्ध कराया जा रहा है जिसकी कीमत लगभग 30000/- रूपया है, उसी अस्पताल पर ही तुरंत दिया जाता है। केवल पिछले तीन महीनों में ही लगभग 5,000 मरीजों को इस पहल से लाभ मिला है।
संस्थान में 4क् सीटी सिम्युलेटर मशीन तथा स्प्छ।ब् मशीन स्थापित हैं, जिसके द्वारा कैंसर रोगियों का सटीक तथा सुरक्षित उपचार किया जा रहा है।
संस्थान में नई 128 ैसपबम ब्ज् ैबंदए 1ण्5 ज्मेसं डत्प्ए क्पहपजंस ग्.त्ंलए न्ैळ डंबीपदम लगने से मरीजों के प्रतीक्षा समय में कमी आयी है साथ ही साथ भर्ती मरीजों की जांचें ैंउम क्ंल मे की जा रही है।
ऽ संस्थान में भ्पही म्दक डपबतव ैबवचम वित न्सजतं च्तमबपेपवद ैनतहमतपमे उपलब्ध है जिससे रोगियों के आँख तथा कान की गुणवत्तापूर्ण सर्जरी की जा रही है।
ऽ संस्थान के सर्जिकल आंकोलॉजी विभाग द्वारा 25 भ्प्च्म्ब् सर्जरी की जा चुकी हैं जिसके लिये पूर्व में मरीजों को प्रदेश के बाहर जाना पड़ता था।
ऽ संस्थान के यूरोलॉजी विभाग द्वारा 235 सफल किडनी ट्रांसप्लांट किया गया है।
ब्लड ट्रांसफ्यूजन विभाग द्वारा स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ाने के सत्त प्रयासों के फलस्वरूप आज संस्थान ज्यादातर इमरजेन्सी मरीजों, थैलेसिमिया, ब्लड कैंसर, तथा गर्भवती महिलाओं व बच्चों को निःशुल्क बिना त्मचसंबमउमदज के रक्त के सभी ब्वउचवदमदजे को उपलब्ध करा रहा है।
फीडबैक तथा शिकायत निवारण प्रणाली
विगत वर्ष अस्पताल परिसर में लगभग 1700 सीसीसटीवी कैमरे लगाये गये हैं जिससे चोरी और अन्य आपराधिक गतिविधियों को रोका जा सके।
शहीद पथ स्थित मातृ एवं शिशु चिकित्सालय में 128 ैसपबम ब्ज् ैबंद, 2 अल्ट्रासाउण्ड की मशीनें एवं क्पहपजंस त्ंकपवहतंचील स्थापित की गयी हैं जिससे मरीजों की ये सभी जांचे वहीं पर हो जा रही हैं।
संस्थान में 200 डठठै ैमंजए डक्ध्डै की 99 ैमंजए क्डध्डब्भ् की 30 ैमंजए च्भ्क् की 10ए ठैब छनतेपदह की 40 सीट के अंतर्गत शैक्षणिक पाठ्यक्रम संचालित हैं।
वर्ष 2025 के लिये डक्ध्डै तथा डी0एम0/एम0सी0एच0 हेतु सीट बढ़ाने का प्रस्ताव एन0एम0सी0 को भेजा गया है।
उन्हों ने बताया किदिनांक 1 जुलाई 2024 से 30 जून 2025 की अवधि के दौरान, संस्थान के विभिन्न विभागों के संकाय सदस्यों को कुल 11 एक्स्ट्राम्यूरल (बाह्य) शोध परियोजनाएँ फंडिंग एजेंसियों क्भ्त्ए प्ब्डत्ए क्ठज्ए क्ैज्ए न्च्ब्ैज्ए ॅवतसक ठंदा द्वारा स्वीकृत की गई हैं।
ऽ इस वर्ष कुछ महत्वपूर्ण अन्तर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय संस्थानों के साथ जैसे 1ण् न्छम्ैब्व्. डम्स्ठव्न्त्छम् ।न्ैज्त्।स्प्।ए 2ण् न्छप्टम्त्ैप्ज्ल् व्थ् च्प्ज्ैठन्त्ळए 3ण् ब्ठडत्ए 4ण् प्छथ्स्प्ठछम्ज्ए 5ण् प्छक्प्।छ प्छैज्प्ज्न्ज्म् व्थ् च्न्ठस्प्ब् भ्म्।स्ज्भ्ए 6ण् ॅव्त्स्क् ठ।छज्ञ इत्यादि के साथ शोध को बढ़ावा देने के लिये डव्न् किया गया।
वर्तमान वर्ष में पूर्ण कराये गये कार्य परियोजनाओं की लागत – रू0 5272.19 लाख
- संस्थान के मुख्य परिसर को एकेडमिक ब्लाक से जोड़ने हेतु उपरिगामी फुट ओवर ब्रिज
- संस्थान के न्यू ब्लाक में एडवान्स न्यूरो साइन्सेज सेन्टर की स्थापना
- एकेडमिक ब्लाक के 10वें तल पर निर्मित कान्फ्रेन्स हाल, लेक्चर थिएटर एवं कैफेटेरिया का निर्माण
- प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जुग्गौर में संस्थान के कम्यूनिटी मेडिसिन विभाग के अंतर्गत रूरल हेल्थ ट्रेनिंग सेन्टर का निर्माण पूर्ण हुआ।
वर्तमान वर्ष में निर्माणाधीन कार्यः-
मुख्य चिकित्सा भवन के छठे एवं सातवें तल पर ट्रांसप्लान्ट सेन्टर का निर्माण प्रगति पर है, जहां पर बोन मैरो, लिवर तथा रीनल ट्रांसप्लान्ट की सुविधा अगले वर्ष तक शुरू हो जायेगी
राम प्रकाश गुप्ता मेमोरियल मातृ एवं शिशु चिकित्सालय में 100 बेडेड क्रिटिकल केयर हास्पिटल ब्लाक निर्माणाधीन है।
व संस्थान के नवीन परिसर में केन्द्र सहायतित योजना के अंतर्गत इन्डोर स्पोर्ट्स काम्पलेक्स का निर्माण।
व संस्थान के नवीन परिसर में छात्र-छात्राओं के लिये (444 डबल सीटेड रुम्स) नये बहुमंजिले छात्रावासों का निर्माण।
ऽ संस्थान के नवीन परिसर में नर्सिंग कालेज के भवन का निर्माण।
. भविष्य की योजनायें –
संस्थान की सबसे बड़ी चुनौती है स्पेस का कम होना और दिन पर दिन बढ़ती मरीजों की संख्या से यह चुनौती और बड़ी हो जाती है। इसको ध्यान में रखते हुये 1000 बेड का हास्पिटल, ओ0पी0डी0 कॉम्पलेक्स और एकेडमिक ब्लाक का निर्माण नवीन कैम्पस में प्रस्तावित है। जिससे स्टूडेन्ट्स का पठन-पाठन और रहना एक ही जगह पर हो सके और पुराने कैम्पस में सुपरस्पेशिलिटी विभागों का विस्तार, पांिर्कंग और मरीजों के तीमारदारों के रहने की भी व्यवस्था हो सके।
4 संस्थान में फैकल्टी की भर्ती तथा पदोन्नति से सम्बन्धित कार्य-
ऽ संस्थान में कई महत्वपूर्ण विभागों में चिकित्सकों की कमी के कारण मूलभूत सुविधाओं की कमी थी क्योंकि वर्ष 2017-18 के बाद नियमित चिकित्सकों की भर्ती नहीं हो पाई थी। मा0 मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन में संस्थान द्वारा 164 फैकल्टी की नियमित पदों पर नियुक्ति की गई। अब संस्थान में ऑप्थैलमोलॉजी, डरमेटोलॉजी, साइकियेट्री, मेडिकल आंकोलॉजी, एण्डोक्रायनोलॉजी, एण्डोक्राइन सर्जरी, गैस्ट्रो मेडिसिन, क्लीनिकल हीमेटोलॉजी, ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन जैसे 10 महत्वपूर्ण ब्राड स्पेशिलिटी और सुपर स्पेशिलिटी विभागों में नियमित चिकित्सक उपलब्ध हैं जिससे प्रदेश तथा आस-पास के लोगों को चिकित्सा एवं उपचार से लाभ प्राप्त हो रहा है।
ऽ मा0 मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन में नर्सिंग ऑफिसर के विज्ञापित 665 पदों हेतु नेशनवाईड प्रथम चरण कम्प्यूटर बेस्ड टेस्ट का पहला चरण सफलतापूर्वक करा लिया गया है।
ऽ संस्थान के कॉलेज ऑफ नर्सिंग में 8 शैक्षणिक पदों के लिये भर्ती प्रक्रिया प्रगति में है, इसी प्रकार 206 टेक्नीकल रिक्त पदों के लिये भी भर्ती परीक्षा की कार्यवाही प्रक्रिया में है।
ऽ सभी कार्मिकों को निश्चित समय पर पदोन्नति देने से उनके कार्य एवं उत्साह में वृद्धि होती है, इसलिये संस्थान में 1 वर्ष में 24 फैकल्टी सदस्य, 5 प्रशासनिक संवर्ग कार्मिक तथा 18 नर्सिंग संवर्ग के कार्मिकों को पदोन्नति लाभ 1 जुलाई, 2025 को प्रदान किया गया।
आज संस्थान के स्थापना दिवस पर मैं शीर्ष नेतृत्व का आभार व्यक्त करते हुये संस्थान के सभी चिकित्सकों, नर्सिंग, पैरामेडिक्स, स्टाफ तथा यहां से जुड़े हर व्यक्ति का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं, जिनके योगदान के बिना यह संस्थान इतनी अल्प अवधि में प्रत्येक वर्ष जिस तरह से विकास के नये कीर्तिमान स्थापित कर रहा है वह कठिन अवश्य होता। आज हम स्वास्थ्य क्षेत्र में, शैक्षणिक क्षेत्र में, सामुदायिक कल्याण में, प्रशिक्षण में, डिजिटल दस्तावेजीकरण में, कैशलेस ट्रीटमेंट में, शोध में, गुणवत्ता एवं मानकीकरण में उल्लेखनीय प्रगति कर रहे हैं, वह आप सभी के अथक परिश्रम का परिणाम है। उन्हों ने कहा कि
आने वाले वर्षों में यह संस्थान अपनी भविष्य की योजनाओं को पूर्ण रूप से मुख्यमंत्री तथा उ0प्र0 सरकार के सहयोग से पूर्ण करेगा और प्रदेश ही नहीं पूरे देश में स्वास्थ्य सेवाओं का एक आदर्श मॉडल बनेगा। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपने विचारों को विराम देता हूं और आप सभी के सहयोग व सहभागिता की अपेक्षा करता हूं।

