लखनऊ।१७वां सात दिवसीय जनजाति युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम २५ सितंबर २०२५ से १ अक्टूबर २०२५ तक माय भारत युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार तथा गृह मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। यह कार्यक्रम विभिन्न प्रांतों से आए युवाओं के लिए ज्ञान, अनुभव और नेतृत्व कौशल को साझा करने का एक उत्कृष्ट मंच प्रदान कर रहा है। कार्यक्रम का आज दूसरा दिन है और दिनभर प्रतिभागियों के लिए विभिन्न सत्रों का आयोजन किया गया।
दूसरे दिन के पहले सत्र में प्रतिभागियों ने अपने परिचय के साथ यहां आने का कारण साझा किया और संस्थान की व्यवस्था, परिसर एवं छात्रावास के बारे में अपने अनुभव प्रस्तुत किए। सभी प्रतिभागियों ने परिसर की स्वच्छता, सुरक्षा और सुव्यवस्थित व्यवस्थाओं की सराहना की।
दूसरे सत्र में अतिथि के रूप में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार, केंद्रीय संचार ब्यूरो के निदेशक मनोज कुमार बर्मा उपस्थित हुए। उन्होंने प्रतिभागियों को अपने जीवन की सफलता की कहानी सुनाई और इस प्रकार के कार्यक्रमों में भाग लेने से मिलने वाले लाभों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने व्यक्ति के विकास में हिंदी और अंग्रेजी भाषा की भूमिका और संचार कौशल के महत्व पर भी जोर दिया।इसी क्रम में, एकल विद्यालय के राष्ट्रीय अध्यक्ष दुर्गेश त्रिपाठी ने स्वतंत्रता के असली अर्थ को समझाते हुए इसे आत्मनिर्भर बनने से जोड़ा। उन्होंने प्रतिभागियों को यह संदेश दिया कि हमें अपनी वास्तविक पहचान कभी नहीं छुपानी चाहिए और अपनी विरासत पर गर्व करना चाहिए। उन्होंने महिला समानता, नेतृत्व और समाज में सक्रिय योगदान के महत्व पर भी प्रकाश डाला।
आज के अंतिम सत्र में अपर पुलिस महानिदेशक रेलवे श्री प्रकाश दी, घ्झ्ए एवं उपनिदेशक, राजस्व एवं सूचना निदेशालय श्री गौरव गुंजन, घ्Rए ने अपने जीवन संघर्षों की कहानी साझा की और प्रतिभागियों को आगे बढ़ने, चुनौतियों का सामना करने और व्यक्तिगत विकास के मूल मंत्र दिए।

