Thursday, November 21, 2024
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भाजपाई और उनकी सरकार संवेदनहीन है-अखिलेश यादव

लखनऊ।समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा की एक आदत पड़ गयी है, जनाक्रोश से डरकर आखि़रकार बात तो वो मानने पर मजबूर होती है, लेकिन तभी जब उसके सारे हिंसक तरीक़े नाकाम हो जाते हैं और जब उसकी नौकरी विरोधी नकारात्मक राजनीति पूरी तरह फ़ेल हो जाती है। भाजपा हमेशा के लिए ख़त्म होने वाली है।
श्री यादव ने कहा है कि भाजपा की अहंकारी सरकार अगर ये सोच रही है कि वह प्रयागराज (इलाहाबाद) में यूपीपीएससी के सामने से आंदोलनकारी अभ्यर्थियों को हटाकर, युवाओं के अपने हक़ के लिए लड़े जा रहे लोकतांत्रिक आंदोलन को ख़त्म कर देगी, तो ये उसकी ‘महा-भूल’ है। आंदोलन तन से नहीं मन से लड़े जाते हैं और अभी तक ऐसी ताक़त दुनिया में नहीं बनी जो मन को हिरासत में ले सके।
श्री अखिलेश यादव ने कहा कि इलाहाबाद में एक आंदोलनकारी दिव्यांग छात्रा की बैसाखी पुलिस ले गयी है, ये ख़बर बताती है कि भाजपाई और उनकी सरकार कितनी निर्दयी और संवेदनहीन है। ऐसी सरकार को बने रहने का कोई हक़ नहीं है। भाजपा घमंड के हिमालय पर चढ़ी हुई है। जो जितनी ऊँचाई पर होता है, उसका पतन भी उतना ही नीचे और तेज़ी से होता है।
श्री अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश की अहंकार से भरी भाजपा सरकार लाख कोशिशों के बाद भी आखि़र में इलाहाबाद के जुझारू आंदोलनकारी युवक-युवतियों के सामने हारेगी और दिखावा ये करेगी कि सब गलती उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अधिकारियों की है। देश-प्रदेश चलाने के लिए जो प्रतिभावान युवा आईएएस, पीसीएस अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में अभ्यर्थी बनते हैं, उनमें इतनी अधिक समझ होती है कि वे ये बात आसानी से समझ सकें कि इस खेल के पीछे असल में कौन है। भाजपा के चेहरे से एक के बाद एक मुखौटे उतर रहे हैं और भाजपा का ‘नौकरी विरोधी’ चेहरा अभ्यर्थियों के सामने बेनक़ाब होता जा रहा है। अच्छा हो कि भाजपा नाटक करना छोड़ दे। भाजपा युवाओं के भविष्य को अपने भ्रष्टाचार से दूर रखे।
श्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा अगर केवल चुनाव का गणित समझती है तो सुन ले कि पीसीएस, आरओ, एआरओ, लोवर सबोर्डिनेट जैसी अन्य प्रतियोगी छात्रों और उनके परिवार के लोगों को मिला लिया जाए तो ये संख्या लगभग १ करोड़ होती है। अगर इस ‘महा-संख्या’ को लगभग ४०० विधानसभा सीटों से भाग दें तो भाजपा के लगभग २५००० वोट हर विधानसभा सीट पर कम होंगे मतलब भाजपा दहाई के अंक में सिमट जाएगी।
उम्मीद है, इस गणित को ही समझ कर आज ही भाजपा की हृदयहीन सरकार अत्याचार बंद करेगी और आंदोलनकारी युवाओं की लोकतांत्रिक जायज़ माँग को पूरा करेगी।

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