पारदर्शिता और समयबद्ध क्रियान्वयन पर दिया जोर
लखनऊ : 04 अक्टूबर, 2025
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने शनिवार को अपने सरकारी आवास पर आवास एवं शहरी नियोजन विभाग और नगर विकास विभाग की अलग-अलग उच्चस्तरीय बैठकों में कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश के अवस्थापना और शहरी विकास कार्य केवल कागजों तक सीमित न रहें, बल्कि धरातल पर तेजी से उतरें और जनता को सीधे लाभ पहुंचाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास प्राधिकरण मास्टर प्लान बनाते समय वैज्ञानिक और पारदर्शी प्रक्रिया अपनाएं। योजनाओं को अल्प अवधि, मध्य अवधि और दीर्घकालिक स्वरूप में आगे बढ़ाया जाए, ताकि भविष्य की आवश्यकताओं को भी पूरा किया जा सके। उन्होंने मेरठ, कानपुर और मथुरा-वृन्दावन के समग्र विकास हेतु 1,833 करोड़ रुपये की लागत से प्रस्तावित 38 परियोजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि हर परियोजना को स्थानीय स्तर पर सर्वे और अध्ययन के बाद ही अंतिम रूप दिया जाए।
उन्होंने राजधानी लखनऊ में प्रस्तावित 28 किलोमीटर लंबे ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट को आर्थिक विकास का नया आयाम बताते हुए कहा कि इसकी फंडिंग निवेश ऋण से सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने विकास प्राधिकरणों को अपने बॉन्ड जारी करने और योजनाओं को ब्राण्ड बनाने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने कहा कि प्राधिकरण केवल निर्माण तक सीमित न रहें, बल्कि नवाचार कर वित्तीय स्थिति मजबूत करें।
उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी भवन का नक्शा तभी पास हो जब उसमें रेन वॉटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था अनिवार्य रूप से शामिल हो। पीपीपी मॉडल पर कन्वेंशन सेंटर जैसे प्रोजेक्ट लाकर प्रदेश को विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
नगर विकास विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरों में विकास कार्य समन्वित और नियोजित तरीके से हों। मलिन बस्तियों के विकास पर विशेष जोर देते हुए उन्होंने साफ-सफाई, पेयजल, ड्रेनेज सिस्टम, सड़क कनेक्टिविटी और स्ट्रीट लाइट जैसी मूलभूत सुविधाओं को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने ड्रेनेज सिस्टम को मजबूत करने पर बल देते हुए कहा कि भारी बारिश के बाद जलभराव की समस्या खत्म होनी चाहिए। मलिन बस्तियों और सार्वजनिक स्थलों पर सामुदायिक शौचालयों के निर्माण और नियमित सफाई पर भी उन्होंने कड़ी निगरानी रखने को कहा।
मुख्यमंत्री ने स्मार्ट सिटी योजनाओं के अंतर्गत शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मल्टीलेवल पार्किंग और ऑडिटोरियम जैसे प्रोजेक्ट्स को पीपीपी मॉडल पर विकसित करने के निर्देश दिए। स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए उन्होंने कहा कि कचरे के निस्तारण और गीले-सूखे कचरे के पृथक्करण पर नियमित जागरूकता अभियान चलाए जाएं।
अनधिकृत कॉलोनियों और बस्तियों पर प्रारंभिक स्तर पर ही रोक लगाने पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरों की नियोजित संरचना हर हाल में सुरक्षित रखी जाए। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि लापरवाही की स्थिति में जिम्मेदारी तय की जाएगी और किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।