लखनऊ, 7 अक्टूबर 2025:
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि समाज की प्रगति में नारी शक्ति की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। आज सेवा शक्ति केन्द्रों के माध्यम से स्वावलंबन और सशक्तिकरण का जो संदेश दिया जा रहा है, वह पूरे प्रदेश के लिए प्रेरणादायक है। मुख्यमंत्री मंगलवार को पं. राम प्रसाद बिस्मिल सभागार, इंजीनियरिंग कॉलेज (आईईटी) में आयोजित ‘डी.पी. बोरा स्मृति व्याख्यानमाला’ में बोल रहे थे।
उन्होंने स्वर्गीय डी.पी. बोरा जी की प्रतिमा का वर्चुअल माध्यम से अनावरण किया तथा 15 सेवा शक्ति केन्द्रों (सिलाई प्रशिक्षण केन्द्र) का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने समाज के विभिन्न क्षेत्रों—शिक्षा, साहित्य, स्वास्थ्य, संगीत और समाज सेवा में उल्लेखनीय योगदान देने वाली नारी शक्ति को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को शरद पूर्णिमा, महर्षि वाल्मीकि जयंती और भक्त मीराबाई जयंती की बधाई भी दी।
योगी ने कहा कि स्वर्गीय डी.पी. बोरा एक संघर्षशील जननेता थे, जिन्होंने दलितों, वंचितों और गरीबों की आवाज बुलंद की। वे लखनऊ विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे और उत्तर प्रदेश विधानसभा में विधायक के रूप में सदैव जनहित के मुद्दे उठाते रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि “डॉ. नीरज बोरा अपने पिता डी.पी. बोरा के आदर्शों और समाजसेवा की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं।”
भक्त मीराबाई का स्मरण करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने सामाजिक समरसता और आस्था का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया। “यदि वे केवल मेवाड़ की महारानी रहतीं, तो उन्हें वह ख्याति नहीं मिलती, जो उन्हें कृष्णभक्ति से मिली,” योगी ने कहा। उन्होंने मीराबाई की जीवन प्रेरणा को आज के समाज में महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बताया।
कार्यक्रम में प्रसिद्ध कवि सर्वेश अस्थाना ने अपनी कविताओं के माध्यम से नारी गरिमा, सामाजिक समरसता और संवेदना के मुद्दों को प्रभावशाली रूप से प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि “एक साहित्यकार की लेखनी सत्ता की मोहताज नहीं होती, वह समाज का दर्पण होती है और उसे दिशा देती है।”
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण के आदर्शों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि रामायण केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि सामाजिक, पारिवारिक और पर्यावरणीय मूल्यों का अद्भुत संगम है। “गिद्धराज जटायु जैसे पात्र यह सिखाते हैं कि समाज में त्याग और सहयोग की भावना कितनी आवश्यक है,” उन्होंने कहा।
योगी ने बताया कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में भगवान श्रीरामलला के विराजमान होने के उपरांत सरकार अयोध्या मार्ग पर रामायण कालीन वनस्पतियों को पुनर्स्थापित करने का प्रयास कर रही है। “हमारा लक्ष्य रामराज्य के आदर्शों को मूर्त रूप देना है,” मुख्यमंत्री ने कहा।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, सांसद डॉ. दिनेश शर्मा, लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल, विधायक डॉ. नीरज बोरा, योगेश शुक्ल, बृजलाल, ए.के.टी.यू. के कुलपति प्रो. जे.पी. पांडेय सहित अनेक जनप्रतिनिधि व गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।