मिसाइल मैन डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जयंती पर पसमांदा मुस्लिम समाज ने पेश की अकीदत
लखनऊ। भारत के महान वैज्ञानिक, पूर्व राष्ट्रपति और ‘भारत रत्न’ से सम्मानित डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम साहब की जयंती पर उन्हें शत-शत नमन करते हुए पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने कहा कि डॉ. कलाम साहब न केवल विज्ञान के प्रतीक थे, बल्कि वे गरीबी, संघर्ष और ईमानदार मेहनत से सफलता तक पहुँचने की जीवंत मिसाल थे।
अनीस मंसूरी ने कहा कि डॉ. कलाम साहब का जन्म एक बहुत ही गरीब पसमांदा मुस्लिम परिवार में हुआ था, लेकिन उन्होंने अपनी लगन, तालीम और मेहनत के बल पर वह मुकाम हासिल किया जिसकी मिसाल आज भी दी जाती है। उन्होंने न केवल भारत को मिसाइल टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भर बनाया, बल्कि पूरे विश्व में भारत का नाम रोशन किया।
उन्होंने कहा कि डॉ. कलाम साहब का जीवन हर गरीब, पसमांदा, और मेहनतकश तबके के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है — कि अगर इरादे सच्चे हों और तालीम को हथियार बनाया जाए, तो कोई भी मंज़िल नामुमकिन नहीं।
अनीस मंसूरी ने युवाओं से अपील की कि वे डॉ. कलाम के दिखाए रास्ते पर चलें — तालीम को अपनी ताकत बनाएं और देश की तरक्की को अपना मिशन।इस अवसर पर डॉ. कलाम साहब के एसाले सवाब के लिए दुआएं की गयी।