लखनऊ। क्रिसमस और नववर्ष के शुभ अवसर पर कैसरबाग स्थित ऐतिहासिक सफेद बारादरी में भारतीय हथकरघा और सिल्क परंपरा को समर्पित एक विशेष प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। इस प्रदर्शनी का आयोजन न्यू क्राफ्ट सिल्क इंडिया संस्था द्वारा किया गया है, जो 4 जनवरी 2026 तक आम जन के लिए खुली रहेगी। यह एक्सपो भारतीय हैंडलूम संस्कृति, पारंपरिक शिल्प और प्रकृति-सम्मत परिधानों का एक जीवंत और आकर्षक संगम प्रस्तुत कर रहा है।
प्रदर्शनी में देश के विभिन्न राज्यों से आए बुनकरों द्वारा तैयार किए गए उत्कृष्ट सिल्क और हैंडलूम परिधान प्रदर्शित किए गए हैं। इनमें बनारसी, चंदेरी, तस्सर, कांचीपुरम, इक्कत, पैठानी और जयपुरी बगरू प्रिंट जैसे परिधान विशेष आकर्षण का केंद्र हैं। इसके साथ ही सिल्क/हैंडलूम मार्क वाले शुद्ध प्राकृतिक रेशों से बने उत्पादों ने भी दर्शकों का ध्यान खींचा है। हर स्टॉल पर पारंपरिक तकनीकों, बारीक कारीगरी और क्षेत्रीय पहचान की झलक साफ दिखाई देती है, जो भारतीय वस्त्र विरासत की समृद्धता को रेखांकित करती है।


प्रदर्शनी का उद्घाटन सोमवार को फैशन क्रिएटर व मॉडल दिव्या/रूबी द्वारा किया गया। इस अवसर पर एमटीवी स्टार मोनिस सेविटार की उपस्थिति ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। उद्घाटन समारोह के दौरान अतिथियों ने बुनकरों के कार्य की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से पारंपरिक शिल्प को नया बाजार और नई पहचान मिलती है।

आयोजक मानस आचार्य एवं जावेद मकसूद ने बताया कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य देशभर के बुनकरों को एक सशक्त मंच प्रदान करना है, ताकि वे अपनी कला को सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचा सकें। उन्होंने कहा कि आज के समय में जब मशीन निर्मित वस्त्रों का बोलबाला है, तब इस तरह की प्रदर्शनियां लोगों को भारतीय सिल्क की समृद्ध विरासत, प्राकृतिक रेशों और टिकाऊ फैशन के महत्व से परिचित कराती हैं।

सफेद बारादरी की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में सजी यह प्रदर्शनी न केवल खरीदारी का अवसर प्रदान कर रही है, बल्कि भारतीय हथकरघा परंपरा के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में एक सार्थक प्रयास के रूप में भी देखी जा रही है।

