Wednesday, December 24, 2025
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इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में एआई और रोबोटिक्स आधारित स्मार्ट एग्रीकल्चर पर अंतर्राष्ट्रीय कांग्रेस का समापन

लखनऊ, 23 दिसंबर 2025। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स आधारित स्मार्ट कृषि को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के इंटीग्रल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चरल साइंस एंड टेक्नोलॉजी (IIAST) तथा उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय कांग्रेस “अनलॉकिंग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड रोबोटिक्स ड्रिवन स्मार्ट एग्रीकल्चर फॉर विकसित भारत (AIRSA-VBCON 2025)” एवं ‘इंटीग्रल किसान पुरस्कार समारोह’ का भव्य समापन हुआ। यह दो दिवसीय आयोजन कृषि के भविष्य को तकनीक से जोड़ने वाला एक प्रभावी वैश्विक मंच बनकर उभरा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने की। अपने संबोधन में उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्रों और प्रगतिशील किसानों को सम्मानित करने की पहल की सराहना करते हुए कहा कि किसानों की यह पहचान राज्य में हाल के वर्षों में कृषि क्षेत्र में आए सकारात्मक परिवर्तनों का प्रमाण है। स्वयं किसान पृष्ठभूमि का उल्लेख करते हुए उन्होंने काश्तकारों की चुनौतियों पर प्रकाश डाला और जैविक, तकनीक-आधारित तथा टिकाऊ खेती को समय की आवश्यकता बताया। राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जल संरक्षण और सिंचाई योजनाओं की मजबूती का उल्लेख करते हुए ड्रिप सिंचाई, जैविक उत्पादन और उनके प्रभावी विपणन पर विशेष जोर दिया। साथ ही उन्होंने स्वयं सहायता समूहों और किसान उत्पादक संगठनों के माध्यम से बाजार से सीधा जुड़ाव बढ़ाने का आह्वान किया, ताकि किसानों की आय में स्थायी वृद्धि हो सके।

विश्वविद्यालय के संस्थापक एवं कुलाधिपति प्रोफेसर सैयद वसीम अख्तर ने कहा कि इस अंतर्राष्ट्रीय कांग्रेस से निकले निष्कर्ष कृषि उत्पादकता बढ़ाने, जोखिम कम करने और निर्णय-प्रक्रिया को वैज्ञानिक बनाने में मील का पत्थर साबित होंगे। उन्होंने बताया कि सम्मेलन में एआई-आधारित स्मार्ट फार्मिंग, जलवायु-अनुकूल कृषि मॉडल तथा कृषि-आपूर्ति श्रृंखला में रोबोटिक्स की भूमिका पर गहन विचार-विमर्श हुआ।

समारोह में ICRISAT के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री दीपक कुमार, रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो. पंजाब सिंह, AARDO के महासचिव डॉ. मनोज नारदेवसिंह तथा यूपीसीएआर के महानिदेशक डॉ. संजय सिंह सहित अनेक प्रतिष्ठित विशेषज्ञ एवं नीति-निर्माता उपस्थित रहे। सभी वक्ताओं ने तकनीक-समर्थित कृषि को विकसित भारत के लक्ष्य के लिए अनिवार्य बताया।

इस अवसर पर IIAST “सफरनामा” तथा ‘इंटीग्रल कृषि दर्पण’ पत्रिका का विमोचन किया गया, जो कृषि नवाचारों और शोध को समर्पित हैं। कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले प्रगतिशील किसानों को ‘इंटीग्रल किसान पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के तकनीकी सत्रों में वर्टिकल फार्मिंग, डिजिटल कृषि और विघटनकारी प्रौद्योगिकियों पर विशेषज्ञों ने व्यापक मंथन किया। स्वागत संबोधन कुलपति प्रो. जावेद मसर्रत ने दिया, धन्यवाद ज्ञापन रजिस्ट्रार एवं संयोजक प्रो. मोहम्मद हारिस सिद्दीकी ने किया, जबकि आयोजन सचिव प्रो. अल्विना फारूकी ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया।

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