नई दिल्ली/इस्लामाबाद। बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान को लेकर पाकिस्तान सरकार ने एक सनसनीखेज और विवादित कदम उठाया है। हाल ही में सऊदी अरब में एक कार्यक्रम के दौरान सलमान खान द्वारा कथित रूप से बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग बताने वाले बयान पर पाकिस्तान की सियासत भड़क उठी है। इस बयान के बाद शहबाज़ शरीफ सरकार ने एक सरकारी अधिसूचना जारी कर सलमान खान का नाम आतंकवाद रोधी अधिनियम (Anti-Terrorism Act, 1997) के तहत ‘आतंकवादी’ श्रेणी में डाल दिया है।
सरकार ने सलमान खान का नाम पाकिस्तान की ‘फोर्थ शेड्यूल’ (Fourth Schedule) सूची में शामिल किया है। इस सूची में आमतौर पर उन व्यक्तियों को रखा जाता है, जिन पर आतंकी या चरमपंथी गतिविधियों में शामिल होने, समर्थन देने या उन्हें बढ़ावा देने का संदेह होता है।
क्या है पाकिस्तान की ‘फोर्थ शेड्यूल’ सूची?
यह सूची आतंकवाद रोधी अधिनियम, 1997 के तहत बनाई गई है।
इसमें शामिल व्यक्ति को उच्च जोखिम श्रेणी में माना जाता है।
ऐसे व्यक्तियों पर यात्रा प्रतिबंध, आर्थिक लेन-देन पर निगरानी और संपत्ति जब्ती जैसे सख्त प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।
इनकी गतिविधियों की पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों द्वारा विशेष निगरानी होती है।
यह प्रतिबंध सिर्फ पाकिस्तान की सीमाओं के भीतर लागू होते हैं।
विवाद की शुरुआत कैसे हुई?
सऊदी अरब में एक इंटरनेशनल सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान सलमान खान ने दर्शकों का अभिवादन करते समय बलूचिस्तान और पाकिस्तान का नाम अलग-अलग उल्लेख किया। पाकिस्तान की सरकार और कई राजनीतिक दलों ने इसे देश की संप्रभुता के खिलाफ बयान बताया और कड़ी आपत्ति जताई।
प्रतिक्रिया और सियासी बवंडर
सलमान खान की ओर से इस मामले पर अभी कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
भारत में सोशल मीडिया पर इस फैसले को लेकर कड़ी आलोचना और व्यंग्य देखने को मिल रहा है। वहीं, पाकिस्तान में कट्टरपंथी धड़ों ने सरकार के इस कदम का समर्थन किया है।
क्या होगा इस फैसले का असर?
पाकिस्तान में सलमान खान की फिल्मों के प्रसारण और प्रदर्शन पर प्रभाव पड़ सकता है।
सलमान खान के व्यावसायिक सहयोग और प्रमोशनल ईवेंट्स पर भी रोक लग सकती है।
यह विवाद भारत-पाकिस्तान के पहले से ही तनावपूर्ण फिल्म और सांस्कृतिक संबंधों को और प्रभावित कर सकता है।


