Wednesday, December 3, 2025
Homeउत्तर प्रदेशविश्व मधुमेह दिवस पर एसजीपीजीआई में वॉकथॉन का आयोजन, स्वस्थ जीवनशैली अपनाने...

विश्व मधुमेह दिवस पर एसजीपीजीआई में वॉकथॉन का आयोजन, स्वस्थ जीवनशैली अपनाने का दिया संदेश

लखनऊ, 9 नवम्बर 2025।
विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) के एंडोक्रिनोलॉजी और पीडियाट्रिक एंडोक्रिनोलॉजी विभागों की ओर से आज एक विशेष वॉकथॉन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का विषय था — “छोटे कदम, बड़ा प्रभाव: मधुमेह के साथ स्वस्थ जीवन जिएं”, जिसका उद्देश्य था लोगों को मधुमेह की रोकथाम और प्रबंधन में सरल, संतुलित और टिकाऊ जीवनशैली की अहमियत से अवगत कराना।

कार्यक्रम की शुरुआत प्रातः एसजीपीजीआई परिसर के अंदर 2 किलोमीटर लंबी पैदल यात्रा से हुई। वॉकथॉन का मुख्य उद्देश्य मधुमेह के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाना, नियमित शारीरिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करना और यह संदेश देना था कि स्वास्थ्य सुधार की शुरुआत दैनिक जीवन के छोटे-छोटे प्रयासों से होती है।
इस वॉकथॉन में लगभग 250 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें संस्थान के संकाय सदस्य, रेज़िडेंट डॉक्टर, छात्र, नर्सिंग स्टाफ, तकनीकी कर्मचारी और अन्य अधिकारी-कर्मचारी शामिल थे। सभी प्रतिभागियों का उत्साह और सहभागिता इस बात का प्रमाण थी कि एसजीपीजीआई एक संस्थान के रूप में समाज में स्वास्थ्य शिक्षा और सामुदायिक जागरूकता के प्रति गहरी प्रतिबद्धता रखता है।

कार्यक्रम के दौरान कई वरिष्ठ संकाय सदस्यों ने प्रतिभागियों को संबोधित किया। उन्होंने मधुमेह के बढ़ते बोझ को कम करने के लिए समय पर पहचान, जीवनशैली में सुधार और सामुदायिक सहभागिता के महत्व पर बल दिया।
वक्ताओं में कार्यवाहक निदेशक डॉ. मनोज जैन, डॉ. प्रीति दबड़गांव, डॉ. सुभाष यादव, डॉ. आदित्य कपूर, डॉ. नारायण प्रसाद, डॉ. एस. के. अग्रवाल, डॉ. नवीन गर्ग और डॉ. मंजूषा गर्ग शामिल थे।

सभी ने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि भारत विश्व में मधुमेह रोगियों की संख्या के लिहाज से शीर्ष देशों में शामिल है, और ऐसे में स्वास्थ्यकर्मियों का दायित्व है कि वे स्वस्थ आदतों को अपनाकर समाज के लिए उदाहरण प्रस्तुत करें।
एंडोक्रिनोलॉजी विभाग के संकाय सदस्य डॉ. प्रशांत ने प्रतिभागियों को संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, वज़न नियंत्रण और तनाव प्रबंधन जैसे सरल लेकिन प्रभावी उपायों के ज़रिए मधुमेह की रोकथाम के व्यावहारिक सुझाव दिए। उन्होंने कहा “अगर हम हर दिन कुछ छोटे कदम उठाएं, तो ये छोटे प्रयास समय के साथ हमारे स्वास्थ्य पर बड़ा और सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।”
कार्यक्रम का समापन सामूहिक संदेश के साथ हुआ — कि मधुमेह से बचाव किसी एक दिन का प्रयास नहीं, बल्कि जीवनभर की प्रतिबद्धता है।वॉकथॉन ने जागरूकता, शिक्षा और सामुदायिक सहभागिता को एक साथ जोड़ते हुए एसजीपीजीआई में विश्व मधुमेह दिवस की गतिविधियों को एक नई दिशा दी और सभी को याद दिलाया कि ,“स्वस्थ कदम ही स्वस्थ जीवन की शुरुआत हैं।”

स्पेशल स्टोरीज