Saturday, November 2, 2024
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प्रदेश में कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ कर अपराधियों में कानून का भय पैदा करना सरकार की प्राथमिकता : मुख्यमंत्री

लखनऊ : 21 अक्टूबर, 2024
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कर्तव्य पथ पर प्राणोत्सर्ग करने वाले उत्तर प्रदेश पुलिस के वीर शहीदों को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर आज हम सभी देश के समस्त शहीद पुलिसजन को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिये एकत्रित हुए हैं, जिन्होंने समाज और राष्ट्र की सेवा के लिए प्राणों का बलिदान देकर अप्रतिम कर्तव्यपरायणता का परिचय दिया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रदेश पुलिस के सभी सदस्य पूरी ईमानदारी, कर्तव्य परायणता तथा जनसेवा की भावना से कार्य करते हुए, राज्य की जनता के मन में सुरक्षा की भावना को और अधिक सुदृढ़ करने में सहयोग करेंगे।

मुख्यमंत्री आज यहां रिजर्व पुलिस लाइन्स में ‘पुलिस स्मृति दिवस-2024’ के अवसर पर अपने विचार व्यक्त रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने पुलिस शहीद स्मारक स्थल पर पुष्पचक्र अर्पित किया तथा शहीद पुलिस कर्मियों के परिजनों से भेंट कर उन्हें सम्मानित किया। मुख्यमंत्री जी ने स्मृति परेड की सलामी ली तथा शोक पुस्तिका प्राप्त की। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023-24 में कर्तव्य की वेदी पर अपने प्राण न्योछावर करने वाले शहीदों में उत्तर प्रदेश पुलिस के भी 02 बहादुर पुलिसकर्मी शामिल हैं। पुलिस कर्मियों का यह सर्वोच्च बलिदान हमें निरन्तर कर्तव्य पथ पर पूर्ण निष्ठा, मनोयोग एवं दायित्व बोध के साथ आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा देता रहेगा।

मुख्यमंत्री ने शहीद पुलिसजन के परिजनों को आश्वस्त करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार उनके कल्याण के लिये पूरी तत्परता के साथ प्रतिबद्ध है। पुलिसजन ने अत्यन्त कठिन परिस्थितियों में भी रात-दिन अपने कर्तव्यों को सर्वोपरि मानकर अपराधों पर नियंत्रण करने, कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने, सामाजिक सौहार्द स्थापित करने एवं विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा करने के लिए किये गये प्रयास में सराहनीय भूमिका निभाई है। इस वर्ष अयोध्या में भगवान श्रीरामलला की मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को सकुशल तथा लोक सभा सामान्य निर्वाचन-2024 को शांतिपूर्वक सम्पन्न कराने में प्रदेश पुलिस बल का उल्लेखनीय योगदान रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों की कर्तव्यपालन के दौरान मृत्यु होने पर विभिन्न प्रकार की शिकायतें शासन के पास उपलब्ध होती रहती है। उसी क्रम में उन कर्मियों के परिजनों खासकर कर्मी की पत्नी और माता-पिता के जीवित नहीं रहने की दशा में शासनादेश में वर्णित व्यवस्थानुसार मृतक/शहीद के परिवार को पूर्ण धनराशि नहीं मिलने की समस्या के बारे में उन्हें अवगत कराया गया। इस पर विचार कर यह निर्णय लिया गया है कि वर्तमान शासनादेश को संशोधित करते हुए अनुग्रह की सम्पूर्ण धनराशि 25 लाख रुपये या 50 लाख रुपये जैसा कि अनुमन्यता है, पूर्णतः मृतक/शहीद की पत्नी या माता-पिता या जो भी कानूनी वारिस हो उसको उपलब्ध करायी जाएगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पुलिस बल के समस्त कर्मियों को वर्दी भत्ता प्रदान किये जाने का प्राविधान है। पिछली बार वर्ष 2019 में इस भत्ते में बढ़ोत्तरी की गयी थी। वर्तमान परिवेश में वर्दी की खरीद और रख-रखाव में आ रहे खर्च को ध्यान में रखते हुए प्रस्तावानुसार इसमें बढ़ोत्तरी किये जाने की घोषणा की गई है। इसमें आने वाले कुल खर्च में लगभग 70 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। इसमें 58 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्ययभार आएगा, जिसका वहन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस विभाग के कार्य की आकस्मिकता के कारण मुख्य आरक्षी और आरक्षी के लिए बैरक में रहना प्राविधानित है। लगभग 01 लाख से ज्यादा ऐसे कर्मियों के लिए पूर्व में पुलिस एकोमोडेशन अलाउंस की व्यवस्था की गयी थी। इस भत्ते में प्रस्तावानुसार बढ़ोत्तरी की घोषणा की गई है। इससे पुलिस बल के 25 प्रतिशत से ज्यादा अल्प वेतनभोगी कर्मचारी लाभान्वित होंगे। इस पर होने वाले 47 करोड़ रुपये के अतिरिक्त खर्च का वहन उत्तर प्रदेश सरकार करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस में खेलकूद को और आगे बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार कटिबद्ध है। कुशल खिलाड़ियों की भर्तियां नियमित की गयी हैं, जिससे कुशल खिलाड़ियों की संख्या बढ़कर 1,000 से ज्यादा हो गयी है। वहीं पिछले कुछ वर्षों में राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय खेलकूद में ज्यादा पदक जीतकर इन खिलाड़ियों ने प्रदेश का मान-सम्मान बढ़ाया है। इस क्रम को निरन्तरता प्रदान करने के उद्देश्य से पुलिस बजट में जो 70 लाख रुपये प्राविधानित किये गये थे, वह अब पर्याप्त नहीं हैं। अतः इसको अगले वित्तीय वर्ष के बजट में बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये किए जाने की घोषणा की गई है, जिससे इन खिलाड़ियों के प्रशिक्षण, ट्रेनर, फीजिओ, आहार, खेल उपकरण की बेहतर व्यवस्था की जा सके।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2019 से पुलिस के लिए बहुमंजिले आवासीय और प्रशासनिक भवन निर्मित किए गए हैं। अभी इनकी संख्या 200 के लगभग हो गयी है आगे और भी निर्माण के लिए प्रस्तावित हैं। इन भवनों में लगे लिफ्ट, अग्निशमन उपकरण, सोलर संयंत्र, मल-जल प्रक्रिया संयंत्र के रख-रखावों के लिए कालान्तर में धन की आवश्यकता होगी। इसके लिए उन्होंने 1,380 करोड़ रुपये के कॉर्पस फण्ड की भी घोषणा की, जिससे इन भवनों का रख-रखाव बेहतर तरीके से हो सके। साथ ही, जैसा प्रस्तावित किया गया है कि अन्तरराष्ट्रीय आयोजनों में लगने वाले पुलिस बलों पर आने वाले खर्च को नियमित करने के लिए यथा प्रस्तावित शुल्क लगाए जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी है। जो पुलिस महानिदेशक के अधीन रहेगा और उसका इस्तेमाल प्रस्तावित की जाने वाली कॉर्पस नियमावली के अन्तर्गत किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कर्तव्य पालन के दौरान शहीद पुलिस कर्मियों, केन्द्रीय अर्द्धसैन्य बलों एवं अन्य प्रदेशों के अर्द्धसैन्य बलों तथा भारतीय सेना में कार्यरत एवं मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले 115 शहीद कर्मियों के आश्रितों को 36 करोड़ 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गयी है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के जनपद/इकाईयों में नियुक्त पुलिस कर्मियों की सुख-सुविधा हेतु 03 करोड़ 50 लाख रुपये, कल्याण हेतु 04 करोड़ रुपये, कार्यरत व सेवानिवृत्त पुलिस कर्मियों एवं आश्रितों के चिकित्सा प्रतिपूर्ति सम्बन्धी 266 दावों के निस्तारण हेतु 30 लाख 56 हजार रुपये की धनराशि की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा 05 लाख रुपये से अधिक के चिकित्सा प्रतिपूर्ति सम्बन्धी 312 प्रकरणों हेतु 12 करोड़ 60 लाख रुपये की धनराशि का भुगतान किया गया है। 135 पुलिस कर्मियों एवं उनके आश्रितों को गम्भीर बीमारियों के उपचार हेतु तात्कालिक रूप से अग्रिम ऋण के रूप में 05 करोड़ 05 लाख रुपये, जीवन बीमा योजना के अन्तर्गत बीमित 306 मृतक पुलिस कर्मियों के आश्रितों को सहायता के रूप में 09 करोड़ 08 लाख रुपये तथा 24 पुलिस कर्मियों एवं उनके आश्रितों द्वारा कराए गए कैशलेस उपचार के अन्तर्गत 21 लाख 16 हजार रुपये के बिलों, पुलिस कर्मियों के 205 मेधावी बच्चों को शिक्षा निधि के माध्यम से 53 लाख 30 हजार रुपये की छात्रवृत्ति/एकमुश्त धनराशि का भुगतान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने कर्तव्यों के प्रति समर्पित पुलिस कर्मियों को सम्मानित करने और उनका मनोबल बढ़ाने के लिए गणतंत्र दिवस एवं स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर विशिष्ट सेवाओं के लिए 04 तथा दीर्घ एवं सराहनीय सेवाओं के लिए 110 अधिकारियों/कर्मचारियों को ‘राष्ट्रपति का पुलिस पदक’ प्रदान किया गया। गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 01 हजार 13 अधिकारियों/कर्मचारियों को ‘अति उत्कृष्ट सेवा पदक’ तथा 729 अधिकारियों/कर्मचारियों को ‘उत्कृष्ट सेवा पदक’ से सम्मानित किया गया। 03 राजपत्रित व अराजपत्रित अधिकारियों/कर्मचारियों को ‘मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पुलिस पदक’ प्रदान किए गए। पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश द्वारा 92 अराजपत्रित पुलिस कर्मियों को ‘उत्कृष्ट सेवा सम्मान चिन्ह’ तथा 455 पुलिस कर्मियों को ‘सराहनीय सेवा सम्मान चिन्ह’ प्रदान किया गया। पुलिस कार्मिकों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश का प्रशंसा चिन्ह ‘डी0जी0 कमेण्डेशन डिस्क’ 29 प्लेटिनम, 51 गोल्ड तथा 783 सिल्वर राजपत्रित/अराजपत्रित पुलिस कार्मिकों को प्रदान किए गए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ कर जनमानस में सुरक्षा की भावना बलवती करना एवं अपराधियों में कानून का भय पैदा करना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। इसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश पुलिस के मनोबल, कार्यकुशलता एवं व्यावसायिक दक्षता को बढ़ाने, पुलिस बल को बेहतर संसाधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। वर्ष 2017 में राज्य सरकार के गठन के बाद से पुलिस विभाग के विभिन्न पदों पर 01 लाख 54 हजार से अधिक भर्ती की गयी, जिसमें 22 हजार से अधिक महिला कार्मिक सम्मिलित हैं। पुलिस विभाग के विभिन्न अराजपत्रित पदों पर 01 लाख 41 हजार से अधिक कर्मियों को पदोन्नति प्रदान की गई है। वर्तमान में 60 हजार से अधिक पदों पर भर्ती प्रक्रिया प्रचलित है।  
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस बल के आधुनिकीकरण, सुदृढ़ीकरण के लिए राज्य सरकार ने अनेक कदम उठाएं हैं। प्रदेश में सुदृढ़ एवं त्रुटिरहित सुरक्षा प्रबन्ध के फलस्वरूप समस्त महत्वपूर्ण त्योहार, मेले, जुलूस, अतिविशिष्ट महानुभावों की यात्राएं, राजनैतिक रैलियां, प्रदर्शन आदि शान्तिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हुए। इसके लिए प्रदेश पुलिस बल बधाई का पात्र है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपराध एवं अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनायी है। इसके परिणामस्वरूप राज्य में शान्ति, सुरक्षा व सौहार्द के एक नए युग की शुरूआत हुई है। हमारे बहादुर जवानों ने प्रदेश में शान्ति, सुरक्षा व कानून का राज बनाए रखने के लिए योगदान दिया है। विगत 07 वर्षां में पुलिस बल के 17 जवानों ने अप्रतिम शौर्य का प्रदर्शन करते हुए वीरगति प्राप्त की है और 1,618 पुलिस कर्मी घायल हुए है। प्रदेश में अपराधियों पर कड़ा शिकंजा कसने के लिए गैंगस्टर एक्ट के अन्तर्गत 77,811 तथा एन0एस0ए0 में 923 अभियुक्तों के विरुद्ध कार्यवाही की गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि माफिया अपराधियों के 68 मुकदमों में प्रभावी पैरवी कर 31 माफिया तथा उनके 66 सहयोगियों, कुल 97 को आजीवन कारावास/कारावास व अर्थदण्ड की सजा दिलायी गयी है। इनमें 02 को फांसी की सजा हुई है। माफिया अपराधियों व गैंग के सदस्यों/सहयोगियों द्वारा अवैध कृत्यों से अर्जित सम्पत्तियों में लगभग 04 हजार 57 करोड़ रुपये की सम्पत्ति का जब्तीकरण/ध्वस्तीकरण व अवैध कब्जे से अवमुक्त कराया गया है। माफिया अपराधियों की अवैध सम्पत्ति का जब्तीकरण करते हुए उन पर निर्बल वर्ग हेतु आवास बनाए जा रहे हैं। इससे समाज में एक बेहतर संदेश गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा एवं उनके सशक्तिकरण हेतु ‘एण्टी रोमियो स्क्वॉड‘ का गठन कर अनवरत अभियान चलाया जा रहा है। ‘एण्टी रोमियो स्क्वॉड‘ द्वारा 22 मार्च, 2017 से 02 अक्टूबर, 2024 तक 01 करोड़ 02 लाख से अधिक स्थानों पर चेकिंग करते हुए 03 करोड़ 68 लाख से अधिक व्यक्तियों को निरुद्ध किया गया है। 23 हजार 375 अभियोग पंजीकृत कर 31 हजार 517 के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही तथा 01 करोड़ 39 लाख से अधिक व्यक्तियों को चेतावनी दी गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक थाने पर महिला बीट आरक्षी तथा महिला हेल्प डेस्क की स्थापना की गयी है। सभी जनपदों में 15,130 महिला पुलिस कार्मिकों को नियुक्त करते हुए 10,378 महिला बीट का आवंटन किया गया है। ‘ऑपरेशन त्रिनेत्र’ के तहत 11 लाख 71 हजार से अधिक सी0सी0टी0वी0 कैमरे अधिष्ठापित किए गए है। प्रदेश में एक अभियान के अन्तर्गत धार्मिक स्थलों से 01 लाख 08 हजार 37 लाउडस्पीकर उतारे गये अथवा उन्हें माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार नियंत्रित किया गया है। 31 मई, 2017 से 02 अक्टूबर, 2024 तक पुलिस बल द्वारा फुट पेट्रोलिंग के माध्यम से लगभग 02 करोड़ 68 लाख से अधिक स्थानों पर सुरक्षा का एक बेहतर वातावरण प्रस्तुत किया गया है।कार्यक्रम को पुलिस महानिदेशक श्री प्रशान्त कुमार ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री असीम अरुण, लखनऊ की महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव गृह श्री दीपक कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक पी0ए0सी0 श्री सुजीत पाण्डेय एवं पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी तथा कर्मचारी उपस्थित थे।

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