Monday, July 14, 2025
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इलॉन मस्क के स्टारशिप में टेस्ट के दौरान धमाका

टेक्सास (अमेरिका), 19 जून 2025 – दुनिया के सबसे ताकतवर रॉकेट माने जाने वाले स्टारशिप-36 के टेस्ट के दौरान बड़ा हादसा हो गया।

भारतीय समयानुसार सुबह करीब 9:30 बजे टेक्सास के स्पेसएक्स स्टारबेस टेस्टिंग साइट पर स्टारशिप में अचानक जोरदार धमाका हुआ। इस हादसे की तस्वीरों और वीडियो में देखा गया कि रॉकेट के ऊपरी हिस्से से आग की लपटें निकलने लगीं और चंद सेकंडों में पूरा रॉकेट जलते हुए धुएं के गुबार में तब्दील हो गया।

यह धमाका उस समय हुआ, जब 29 जून को प्रस्तावित 10वीं टेस्ट फ्लाइट से पहले रॉकेट का स्टैटिक फायर टेस्ट चल रहा था। यह एक ज़रूरी तकनीकी प्रक्रिया होती है जिसमें रॉकेट को ज़मीन पर ही रखकर उसके इंजन चलाए जाते हैं, ताकि लॉन्च से पहले उसकी कार्यक्षमता की पुष्टि हो सके। टेस्ट शुरू होते ही फ्यूल टैंक वाले हिस्से में विस्फोट शुरू हुआ और रॉकेट आग के गोले में तब्दील हो गया।

धमाके की तीव्रता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि आसपास के रिहायशी इलाकों में घरों की खिड़कियां हिल गईं। हालांकि, स्पेसएक्स और स्थानीय प्रशासन की ओर से पुष्टि की गई है कि किसी को कोई शारीरिक नुकसान नहीं हुआ। स्पेसएक्स ने यह भी बताया कि टेस्ट साइट पर पहले से ही सुरक्षा व्यवस्था मौजूद थी और सभी कर्मचारी पूरी तरह सुरक्षित हैं।

नासा स्पेसफ्लाइट यूट्यूब चैनल पर यह टेस्ट लाइव दिखाया जा रहा था। कमेंट्री के दौरान बताया गया कि फ्यूल लोडिंग प्रक्रिया के करीब 30 मिनट बाद ही विस्फोट हुआ। रॉकेट के छह रैप्टर इंजनों को एकसाथ चालू करने की योजना थी, लेकिन उसके पहले ही हादसा हो गया।

इस साल स्पेसएक्स को स्टारशिप टेस्ट प्रोग्राम में लगातार झटके लगते जा रहे हैं। सातवें, आठवें और नौवें टेस्ट में भी या तो उड़ान के दौरान विस्फोट हुआ या रॉकेट कंट्रोल खो बैठा। अब इस ताज़ा हादसे के बाद 29 जून की टेस्ट उड़ान की संभावनाएं बेहद धुंधली हो गई हैं।

इस विस्फोट की वजह से फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) भी जांच में जुट गया है। पूर्व में भी स्टारशिप की असफल टेस्टिंग के चलते FAA ने स्पेसएक्स पर अस्थाई रोक लगाई थी और इस बार भी वैसी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।

फिलहाल, शुरुआती तकनीकी विश्लेषण में संकेत मिले हैं कि रॉकेट के फ्यूल टैंक सिस्टम में कोई गंभीर गड़बड़ी थी। स्पेसएक्स की इंजीनियरिंग टीम डेटा खंगाल रही है ताकि भविष्य की टेस्टिंग को सुरक्षित बनाया जा सके।

गौरतलब है कि स्टारशिप वही महत्वाकांक्षी रॉकेट सिस्टम है, जिसे इलॉन मस्क इंसानों को चांद और मंगल पर भेजने के लिए तैयार कर रहे हैं। इसकी ऊंचाई 403 फीट है और यह पूरी तरह से रीयूजेबल यानी बार-बार इस्तेमाल योग्य है।

इलॉन मस्क का मानना है कि हर विफलता अपने साथ सीख लेकर आती है और यही दर्शन स्पेसएक्स की कार्यसंस्कृति का हिस्सा है। ऐसे में उम्मीद है कि कंपनी जल्दी ही इस हादसे से उबरकर अगली टेस्टिंग की तैयारी में जुट जाएगी।

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