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Thursday, November 13, 2025
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नारायण सेवा संस्थान ने ३०१ दिव्यांगों को नि:शुल्क लगाए गए ४६२ लिंब और कैलिपर्स

लखनऊ।सच्चा मानवीय योगदान वही है, जो किसी के जीवन में नई आशा और विश्वास की किरण जगा सके। इसी उद्देश्य को लेकर नारायण सेवा संस्थान, मेक अ चेंज फ़ाउंडेशन यूके और श्री स्वामीनारायण मंदिर, विल्सडेन (यूके) के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को लखनऊ के दयाल गेटवे, गोमती नगर में नि:शुल्क नारायण लिंब एवं कैलिपर्स फिटमेंट शिविर का आयोजन किया गया। यह शिविर केवल चिकित्सा सुविधा नहीं, बल्कि अनगिनत रुकी हुई ज़िंदगियों में नया उत्साह भरने का माध्यम था।शिविर में उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से हर आयु वर्ग के महिला पुरुषों ने भाग लिया।१४६ दिव्यांगजन को १६४ कृत्रिम अंग और १५५ लाभार्थियों को २९८ कैलिपर्स प्रदान किए गए। ये वे दिव्यांगजन थे, जो कुछ वर्ष पहले सड़क दुर्घटनाओं के कारण अपंग हो गए थे। अब ये फिर से जीवन की राह पर कदम बढ़ाने लगेंगे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, लखनऊ सरकार के सीएसआर विभाग के असिस्टेंट जनरल मैनेजर आनंद कुमार पांडेय ने कहा ,यह केवल एक चिकित्सा सेवा नहीं, बल्कि मानवता का सच्चा संदेश देने वाला प्रेरक क्षण है। किसी परिवार का एक सदस्य जब फिर से अपने पैरों पर खड़ा होता है, तो पूरा परिवार नए उत्साह से जीने लगता है।’शिविर की अध्यक्षता वैश्य फ़ेडरेशन के सुधीर हलवासिया ने की तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में सुषमा अग्रवाल, संजीव अग्रवाल, रजनीश कमल नाग, दुर्गा प्रसाद श्रीवास्तव, जितेंद्र-राजरानी अरोड़ा, शंकर शरण और राजेंद्र बडोला उपस्थित रहे। शिविर का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं स्वागत-सत्कार के साथ हुआ।संस्थान के ट्रस्टी-निदेशक देवेंद्र चौबीसा ने बताया कि १३ जुलाई को आयोजित माप शिविर में ४०० से अधिक दिव्यांगजन पंजीकृत हुए थे, जिनमें से ३०१ लाभार्थियों ने आज नया जीवन पाया। संस्थान की ४० सदस्यीय टीम ने जर्मन तकनीक से निर्मित नारायण लिंब का फिटमेंट किया तथा डॉक्टरों ने लाभार्थियों को इसके उपयोग और देखभाल की प्रशिक्षण दी। दिव्यांगजन की प्रेरक परेड ने उपस्थित जनों की आँखें नम कर दीं। कार्यक्रम का संचालन महिम जैन ने किया, जबकि आभार प्रदर्शन हरि प्रसाद लढ्ढा ने किया।
नारायण सेवा संस्थान की स्थापना वर्ष १९८५ में हुई थी। संस्थापक श्री कैलाश मानव को पद्मश्री सहित सामुदायिक सेवा एवं सामाजिक उत्थान सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने चिकित्सा, शिक्षा, कौशल विकास और खेल अकादमी के माध्यम से लाखों दिव्यांगजनों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ा है। वर्ष २०२३ में उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। अब तक संस्थान ने ४०,००० से अधिक कृत्रिम अंग नि:शुल्क लगाए हैं, और उत्तर प्रदेश के दिव्यांगजन अब जीवन की राह पर आत्मगौरव के साथ कदम बढ़ा रहे हैं।

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