पटना, 20 अक्टूबर 2025-बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के नामांकन के अंतिम दिन राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने अपने 143 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी। इसके साथ ही महागठबंधन के सभी घटक दलों ने अपने-अपने प्रत्याशियों के नाम लगभग तय कर दिए हैं। हालांकि सीट शेयरिंग और फ्रेंडली फाइट को लेकर अब भी गठबंधन के भीतर मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं।
आरजेडी की लिस्ट के अनुसार, पार्टी ने 51 यादव, 19 मुस्लिम, 14 सवर्ण और 11 कुशवाहा उम्मीदवारों को टिकट दिया है। इसके अलावा अन्य पिछड़ा और दलित वर्ग से भी कई प्रत्याशियों को मैदान में उतारा गया है।
महागठबंधन की सबसे बड़ी सहयोगी कांग्रेस पार्टी ने अब तक 61 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की है। कांग्रेस की पहली सूची 17 अक्टूबर को जारी की गई थी जिसमें 48 नाम थे, जबकि दूसरी, तीसरी और चौथी सूचियों में क्रमशः 1, 5 और 6 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए गए। बाद में सुपौल सीट से मिन्नत रहमानी को भी प्रत्याशी बनाया गया।
कांग्रेस के टिकट वितरण में 20 सवर्ण, 12 ओबीसी, 5 ईबीसी, 2 अति पिछड़ा वर्ग, 10 मुसलमान और 10 एससी-एसटी समाज के उम्मीदवार शामिल हैं।
वामपंथी दलों की ओर से माले (CPIML) ने 20 उम्मीदवार उतारे हैं, जिनमें से 9 ओबीसी, 6 एससी, 2 ईबीसी, 1 सवर्ण और 2 मुसलमान हैं।
सीपीआई ने 9 सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए, जिनमें 2 सवर्ण, 2 एससी और 5 ओबीसी प्रत्याशी शामिल हैं। हालांकि रोसड़ा सीट से लक्ष्मण पासवान का नामांकन देर से पहुंचने के कारण रद्द हो गया।
वहीं, सीपीआई (एम) ने 4 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं — इनमें 3 ओबीसी और 1 एससी समाज से हैं।
इसी बीच इंडियन इंक्लूसिव पार्टी (आईआईपी) ने भी 3 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं — 2 ईबीसी और 1 सवर्ण उम्मीदवार।
विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) प्रमुख मुकेश सहनी ने ईबीसी वर्ग के 7, ओबीसी के 5, सवर्ण के 2 और एससी समाज के 1 उम्मीदवार को टिकट दिया है।
महागठबंधन के भीतर सीटों के बंटवारे पर सहमति नहीं बन पाने से खींचतान तेज हो गई है। कई सीटों पर फ्रेंडली फाइट की स्थिति बन गई है।
इधर, पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने लालू प्रसाद यादव पर निशाना साधते हुए कहा,“12 जगह पर दोहरे उम्मीदवार उतार दिए गए हैं। क्या इस तरह गठबंधन चलता है? कांग्रेस को निर्णय लेना चाहिए, टिकट वितरण बिल्कुल गलत हुआ है।”
वहीं, आरजेडी नेता रितु जायसवाल ने टिकट कटने के बाद बगावत करते हुए सीतामढ़ी की परिहार सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया।
राजद-कांग्रेस और वामदलों के बीच चल रही यह खींचतान अब महागठबंधन की एकता पर सवाल खड़े कर रही है।


