पटना 26 अक्टूबर 2025(अज़मत अली) आर जे डी द्वारा उपमुख्यमंत्री के रूप में मुकेश साहनी के नाम की धोषणा के बाद आर जे डी में भूचाल आ गया है खासकर मुस्लिमो जातियों में इस बात को लेकर जबरदस्त गुस्सा है साथ ही दलित समाज,और कुशवाहा समाज के लोग भी बिफरे पड़े है।
सूत्रों का मानना है कि यदि आर जे डी बड़ी आबादी वाली मुस्लिम जाती खिसक गई तो यह चुनाव जीतना कठिन है।
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा (CM Face) और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रमुख मुकेश सहनी को उप-मुख्यमंत्री पद का चेहरा (Deputy CM Face) घोषित किया गया है।
‘1+4’ फॉर्मूला और MYDK समीकरण
सूत्र बताते है कि राजनीतिक गलियारों में अब इस बात की जोरदार चर्चा है कि यदि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनती है, तो ‘1+4’ का फॉर्मूला अपनाया जाएगा। इस फॉर्मूले के तहत, एक मुख्यमंत्री (तेजस्वी यादव) और चार उप-मुख्यमंत्री बनाए जा सकते हैं। इस रणनीति का मुख्य उद्देश्य बिहार के जटिल जातीय समीकरण को साधना है।
सूत्रों के अनुसार, इन चार उप-मुख्यमंत्रियों के लिए MYDK नामक एक अनौपचारिक फॉर्मूला तैयार किया गया है, जिसके माध्यम से महत्वपूर्ण जातीय समूहों को प्रतिनिधित्व दिया जाएगा:
किन समुदायों से बनेंगे चार डिप्टी सीएम?
महागठबंधन के वोट बैंक के हिसाब से यह संभावित संरचना हो सकती है:
एक डिप्टी सीएम — मुस्लिम समुदाय से (क्योंकि RJD और कांग्रेस दोनों को इस वर्ग से पारंपरिक वोट मिलता है। इसका नेतृत्व भी दोनों पार्टियां चाहती हैं)
एक डिप्टी सीएम — दलित समाज से (यह सीट बीजेपी-एनडीए के मजबूत वोटबेस में सेंधमारी के तौर पर देखी जा रही है)
एक डिप्टी सीएम — कुशवाहा समुदाय से (कुशवाहा वोट बिहार की राजनीति में निर्णायक समझा जाता है)
एक डिप्टी सीएम पहले ही घोषित — मल्लाह समुदाय से (मुकेश सहनी)
मुकेश सहनी के ऐलान के बाद बदला गणित
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि महागठबंधन ने ‘1+4’ फॉर्मूले पर विचार करना मुकेश सहनी को डिप्टी सीएम फेस घोषित करने के बाद शुरू किया है। गठबंधन के शीर्ष नेतृत्व ने महसूस किया है कि सहनी के नाम के ऐलान से मल्लाह समाज (अति पिछड़ा वर्ग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा) तेजी से महागठबंधन की ओर लामबंद हो रहा है। इसी सफल लामबंदी को देखते हुए, महागठबंधन सहनी के अलावा तीन और डिप्टी सीएम फेस का ऐलान करने की तैयारी में है।
यह ‘4 डिप्टी सीएम’ का फॉर्मूला भले ही असामान्य लगे, लेकिन यह देश की राजनीति में पहली बार नहीं हो रहा है। उदाहरण के लिए, आंध्र प्रदेश में 5 उप-मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
कोर वोटर्स को साधने की रणनीति
मुस्लिम और यादव (MY): RJD का मुख्य कोर वोटर ‘MY’ यानी मुस्लिम और यादव रहा है। कांग्रेस को भी अधिकांश मुस्लिम वोट मिलते आए हैं। बिहार की आबादी में मुस्लिम समुदाय का हिस्सा लगभग 18% है। चर्चा है कि RJD और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां मुस्लिम समुदाय से किसी नेता को डिप्टी सीएम बनाने की दावेदारी कर रही हैं।
दलित और कुशवाहा (DK): NDA के वोट बैंक में सेंधमारी
कुशवाहा (K) और दलित (D) समाज से डिप्टी सीएम फेस का ऐलान कर महागठबंधन, NDA के बड़े वोट बैंक में सेंध लगाने की सोच रहा है।
राजनीति के जानकारों का मानना है कि वर्तमान में NDA के पास सवर्ण, नॉन-यादव OBC, EBC और दलित समाज का एक मजबूत वोट बैंक है, जो अक्सर NDA के लिए ‘विनिंग कॉम्बिनेशन’ साबित होता है।
‘1+4’ का फॉर्मूला अपनाकर महागठबंधन इसी विशाल वोट बैंक को अपनी ओर आकर्षित करना चाहता है, विशेष रूप से कुशवाहा (पिछड़ा/अति पिछड़ा) और दलित समुदाय को उच्च राजनीतिक प्रतिनिधित्व का आश्वासन देकर।
28 अक्टूबर को हो सकता है अंतिम ऐलान
चर्चाएं जोरों पर हैं कि महागठबंधन 28 अक्टूबर को होने वाली अगली प्रेस कॉन्फ्रेंस में बचे हुए तीन उप-मुख्यमंत्री चेहरों (यानी यादव, मुस्लिम और दलित/कुशवाहा) का भी औपचारिक ऐलान कर सकता है, जिससे चुनावी मैदान में उसकी जातीय और सामाजिक एकजुटता का संदेश स्पष्ट हो सके।
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