Tuesday, January 14, 2025
Homeउत्तर प्रदेशएवरएन्वायरो का प्रयागराज का बायो सीएनजी संयंत्र होगा विश्वस्तरीय वेस्ट-टु-वेल्थ संयंत्र, महाकुंभ...

एवरएन्वायरो का प्रयागराज का बायो सीएनजी संयंत्र होगा विश्वस्तरीय वेस्ट-टु-वेल्थ संयंत्र, महाकुंभ से ठीक पहले शुरू करेगा काम

नैनी में लग रहे संयंत्र में कुल 343 टन कचरा रोजाना प्रोसेस करने की क्षमता है, जिससे तैयार होगी 21.5 टन बायो-सीएनजी

शहर से हर रोज निकलता है 200 टन गीला कचरा, जिसका पहले चरण में इस्तेमाल कर बनाई जाएगी बायो-सीएनजी
• फर्मेंटेड जैविक खाद से हर साल करीब 1 लाख एकड़ जमीन में मिट्टी उपजाऊ बनेगी और फसल की पैदावार बढ़ेगी
• परियोजना के दूसरे चरण में रोजाना 143 टन धान के पुआल और गाय के गोबर का इस्तेमाल कर बनाई जाएगी बायो-सीएनजी
• महाकुंभ से ठीक पहले काम करना शुरू कर देगा संयंत्र

लखनऊ : प्रयागराज में राज्य की सबसे बड़ी बायो-सीएनजी सुविधा मिलने जा रही है, जो महाकुंभ से ठीक पहले चालू हो जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संगम नगरी प्रयागराज के अपने आधिकारिक दौरे पर प्रयागराज नगर निगम के साथ साझेदारी में एवरएनवायरो रिसोर्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा विकसित की जा रही सुविधा का अवलोकन किया और सुविधा की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया तथा अधिकारियों को जल्द से जल्द वाणिज्यिक संचालन शुरू करने का निर्देश दिया। निरीक्षण के दौरान एवरएनवायरो के एमडी और सीईओ श्री महेश गिरधर, मुख्य परियोजना एवं परिचालन अधिकारी श्री केए चौधरी और नगर आयुक्त प्रयागराज श्री चंद्र मोहन गर्ग ने माननीय मुख्यमंत्री को प्लांट के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी दी। नैनी में जहांगीराबाद और अरैल घाट के पास लगभग 12.5 एकड़ में फैली राज्य की सबसे बड़ी बायो-सीएनजी सुविधा से प्रतिदिन 21.5 मीट्रिक टन बायो-सीएनजी, 200 मीट्रिक टन किण्वित जैविक खाद (एफओएम) और 30 मीट्रिक टन ब्रिकेट का उत्पादन होने की उम्मीद है। वेस्ट-टू-वेल्थ मिशन के साथ जुड़े इस प्लांट से राज्य को नगर निगम के कचरे को मूल्यवान संसाधनों में परिवर्तित करके सालाना 53 लाख रुपये का उत्पादन करने में मदद मिलेगी। यह पहल प्रयागराज के लिए अपने अपशिष्ट प्रबंधन चुनौतियों का समाधान करने और हरित और अधिक टिकाऊ भविष्य में योगदान देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।


परियोजना को दो चरणों में क्रियान्वित किया जाएगा। पहले चरण में, प्लांट में दो डाइजेस्टर होंगे जो प्रतिदिन 200 टन गीले कचरे को संसाधित करने में सक्षम होंगे, जिससे प्रतिदिन 8.9 टन बायो-सीएनजी का उत्पादन होगा। दूसरे चरण में प्लांट की क्षमता में और वृद्धि होगी, जिससे प्रतिदिन 13.2 टन बायो-सीएनजी उत्पादन होगा।
एवरएनवायरो रिसोर्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के एमडी और सीईओ श्री महेश गिरधर ने कहा, “यह परियोजना अपशिष्ट प्रबंधन और नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन की दोहरी चुनौतियों का समाधान करके एक स्थायी भविष्य के निर्माण के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह सुविधा न केवल शहर के ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और वायु प्रदूषण को कम करेगी, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा और उच्च गुणवत्ता वाली किण्वित जैविक खाद भी प्रदान करेगी, जिससे एक चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, जो शहरी और ग्रामीण दोनों समुदायों को लाभान्वित करेगी और साथ ही भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों में योगदान देगी।
इस संयंत्र का उद्देश्य सालाना लगभग 56,700 टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करके क्षेत्र के पर्यावरण पर बड़ा प्रभाव डालना है। यह लैंडफिल से कचरे को हटाकर ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने में भी मदद करेगा। एफओएम (किण्वित जैविक खाद) जो एक उपोत्पाद के रूप में उत्पादित किया जाएगा, हर साल लगभग 1 लाख एकड़ में मिट्टी के स्वास्थ्य और फसल उत्पादकता को बढ़ाएगा।
एवरएनवायरो रिसोर्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य परियोजना और संचालन अधिकारी श्री केए चौधरी ने कहा, “हम नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाकर, किण्वित जैविक खाद के माध्यम से पुनर्योजी कृषि को बढ़ावा देकर और हरित रोजगार पैदा करके उत्तर प्रदेश की स्थिरता की यात्रा को तेज करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह प्लांट न केवल शहर के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करेगा, बल्कि क्षेत्र के लिए दीर्घकालिक आर्थिक अवसर भी पैदा करेगा, जिससे रोजगार सृजन और राजस्व सृजन दोनों में योगदान मिलेगा।
प्रयागराज में कचरे की समस्या लगातार बढ़ रही है, शहर भर में हर दिन कचरा जमा हो रहा है। बायो-सीएनजी प्लांट प्रयागराज नगर निगम द्वारा इस समस्या से निपटने के प्रयासों का हिस्सा है। यह प्लांट घरों, होटलों, रेस्तराओं और मंदिरों से निकलने वाले कचरे को बायो-सीएनजी और किण्वित जैविक खाद में बदल देगा, जिससे आय का एक विश्वसनीय स्रोत बन जाएगा।
इसके अतिरिक्त, यह परियोजना लगभग 200 रोजगार के अवसर पैदा करेगी, जिससे स्थानीय आर्थिक विकास में योगदान मिलेगा। यह पहल प्रयागराज को स्वच्छ और अधिक टिकाऊ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

स्पेशल स्टोरीज