हमेशा जागते रहने वाली मुंबई में सेट की गई, यह कहानी 22 साल पहले शुरू होती है जब मन्नत को उसकी मां ऐश्वर्या ने मरीन ड्राइव पर छोड़ दिया था। अब मन्नत उम्र के दूसरे दशक में है और कुलिनरी स्नातक है, साथ ही ऐश्वर्या और विक्रांत के स्वामित्व वाले एक रेस्तरां में अपनी पहली नौकरी पाती है। अपने रिश्ते से अनजान, ऐश्वर्या मन्नत के बैकग्राउंड और विक्रांत के साथ उसकी निकटता के बारे में जानने के बाद उसे नौकरी से निकाल देती है। हालांकि, विक्रांत मन्नत की प्रतिभा को पहचानते हुए उसे फिर से नौकरी पर रख लेता है। जैसे-जैसे पारिवारिक सीक्रेट्स और महत्वाकांक्षाएं टकराएंगी, क्या मन्नत की सफलता की राह उसकी मां द्वारा पेश किए जाने वाले अवरोधों को पार कर पाएगी?
- हमें शो के बारे में बताइए।
‘मन्नत हर खुशी पाने की’ मुंबई के एक प्रसिद्ध रेस्तरां की कहानी है। यह एक प्रतिभाशाली युवा शेफ मन्नत के इर्द-गिर्द घूमती है, जो ऐसी दुनिया में अपनी योग्यता साबित करने के लिए दृढ़ संकल्पित है, जो उसकी प्रतिभा से ज्यादा उसके आम बैकग्राउंड को तवज्जो देता है। उसके सपनों को उसकी क्रूर बॉस ऐश्वर्या से चुनौती मिलती है, जो हर मौके पर उसे कमतर आंकती है, और उसका उपहास उड़ाती है कि वह बस सड़क किनारे ठेला चलाने लायक है। हालांकि, उसके दूसरे बॉस, विक्रांत का मानना है कि उसके पास हेड शेफ की हैट पहनने के अपने सपने को जीने की पूरी काबिलियत है, जो उसकी कुकिंग से पूरी तरह प्रभावित है। मन्नत को इस बात का अंदाज़ा नहीं है कि ऐश्वर्या सिर्फ उसकी बॉस नहीं है – वह उसकी मां भी है, वही महिला जिसने उसे जन्म के समय छोड़ दिया था! यह पारिवारिक ड्रामा एक जटिल मां-बेटी के रिश्ते को दर्शाता है और कैसे मन्नत के ‘बनाऊंगी अपनी किस्मत’ की मानसिकता को हालातों से चुनौती मिलती है। - हमें अपने किरदार के बारे में बताएं।
ऐश्वर्या ऐसी महिला है जिसने गरीबी से निकलने के लिए जी-जान से संघर्ष किया। उसने जल्दी ही जान लिया कि त्याग और मेहनत के बिना सपने सच नहीं होते। लेकिन चाहत जितनी अधिक होगी, उसकी कीमत भी उतनी ही अधिक होगी। सफल और उदासीन, ऐश्वर्या ने महत्वाकांक्षा पर अपनी ज़िंदगी बनाई है, लेकिन इसकी कीमत भी बहुत अधिक है – और इसके कारण हुआ नुकसान भी वास्तविक है। उसकी दुनिया में तब उथल-पुथल मच जाती है जब उसे पता चलता है कि मन्नत, जिस बेटी को उसने मरने के लिए छोड़ दिया था, वह जीवित है और उसके ही रेस्तरां में काम करती है। मन्नत को देखना आइने में देखने जैसा है और इससे वह डर जाती है। उसे मन्नत में भी वही आग और सफलता के लिए वैसी ही भूख दिखती है जैसी कि कभी उसमें थी, जिस कारण से ऐश्वर्या जानती है कि मन्नत जो चाहती है उसे पाने के लिए कुछ भी करेगी। और यह एक बॉस के रूप में उसकी ज़िंदगी को और भी अधिक क्रूर और अक्षम्य बना देता है। - आपने अपने किरदार के लिए किस तरह की तैयारी की?
ऐश्वर्या का किरदार निभाना हर संभव तरीके से बहुत ही चुनौतीपूर्ण रहा है। इसकी तैयारी में उस महिला के मानस को बहुत अच्छी तरह से समझना शामिल था, जो अपराधबोध और खुद को सही ठहराने की भावना के साथ जी रही थी। ऐश्वर्या ऐसी शख्स है जो अपनी भावनाओं को एक मुखौटे के पीछे छिपाती है, और ऐसी भूमिका को निभाने के लिए मुझे उसकी अभिव्यक्ति में हर बारीक बदलाव के बारे में पता होना चाहिए। मैंने उन महिलाओं का भी अध्ययन किया जो ताकतवर पदों पर हैं, और समझने की कोशिश की कि अपने अधिकार को बनाए रखने के लिए उन्हें किन संघर्षों का सामना करना पड़ता है।
‘मन्नत हर खुशी पाने की’, 6 दिसंबर को शुरू हुआ है और यह हर सोमवार से शुक्रवार रात 10:00 बजे केवल कलर्स पर प्रसारित होता है।