Tuesday, December 3, 2024
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मौलाना आजाद के कृतित्व और व्यक्तित्व को भूलाया नहीं जा सकता- नौशाद आलम मंसूरी

कानपुर 11 नवंबर 2024 । शहर कांग्रेस कमेटी कानपुर नगर द्वारा आज भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक देश के प्रथम शिक्षा मंत्री भारत रत्न मौलाना अबुल कलाम आजाद की 136 वीं जयंती के पावन अवसर पर कांग्रेस मुख्यालय, तिलक हाल में उनके तैल चित्र पर माल्यार्पण के पश्चात आयोजित पुष्पांजलि संगोष्ठी में शहर कांग्रेस अध्यक्ष नौशाद आलम मंसूरी ने मौलाना आजाद को शिक्षा विद ,कर्मयोगी एवं देशभक्त महापुरुष बताते हुए कहा कि एक अफगान मूल के दीनी परिवार में 11 नवंबर 1888 में जन्मे मौलाना आजाद ने अपने प्रारंभिक जीवन में न केवल इस्लामी शिक्षा ग्रहण कर पवित्र कुरान की पुनः व्याख्या की अंग्रेजी, फारसी के साथ दर्शनशास्त्र, गणित, जीवामिति, बीजगणित व विश्व इतिहास व राजनीति शास्त्र का अध्ययन कर विश्व के अनेक देशों की यात्रा करने के पश्चात बंगाल के ख्यातिमान क्रांतिकारी अरविंद घोष व श्याम सुंदर चक्रवर्ती के सानिध्य में आकर देश की आजादी के महासंग्राम में कूदे ही नहीं बल्कि बंगाल व बिहार में ब्रिटिश शासन के खिलाफ क्रांतिकारी उग्र आंदोलन में लिप्त हो गए ।
सन 1916 में उन्होंने महात्म गांधी के सिद्धांतों को अंगीकार कर मुसलमानों को स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में जोड़ने के लिए उर्दू में आलहिलाल नामक पत्रिका का प्रकाशन किया और हिंदू मुस्लिम एकता के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ होकर आजादी की लड़ाई में तत्पर हुए सन 1916 में उन्हें नजर बंद कर दिया गया और सन 1920 में नजरबंदी से मुक्त होने के बाद उन्होंने अपनी क्रांतिकारी व्यक्तित्व को संपूर्ण देश में फैलाकर अंग्रेजों के नाक में दम कर दिया।
इतना ही नहीं मुस्लिम समुदाय को खिलाफत आंदोलन द्वारा उत्तेजित किया और गांधी जी द्वारा शुरू किए गए असहयोग आंदोलन का समर्थन भी किया सन 1920 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए व 1923 में कांग्रेस के विशेष सत्र में अध्यक्ष चुने गए।
श्री नौशाद आलम मंसूरी ने यह भी कहा कि देश को मिलने वाली आजादी से पूर्व व देश के विभाजन के कड़े विरोधी के रूप में उभरे और सन 1947 में पंडित जवाहरलाल नेहरू के प्रधानमंत्रित्व में प्रथम शिक्षा मंत्री का पद ग्रहण कर सन 1958 तक शिक्षा मंत्री रहे।
मौलाना आजाद के कृतित्व और व्यक्तित्व को भूलाया नहीं जा सकता आज हम सब कांग्रेस जन उनकी जयंती के अवसर पर उनको नमन करते हुए पुष्पांजलि अर्पित करते हैं।
संगोष्ठी का संचालन दादा शंकर दत्त मिश्रा ने किया तथा संयोजन दिलीप शुक्ला ने किया।
संगोष्ठी में प्रमुख रूप से सर्वश्री उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष पूर्व विधायक संजीव दरियावादी जी, पवन गुप्ता , महेश मेघानी , डा महादेव ,एम के राजपूत, रामगोपाल उत्तम , रवि तिवारी ,गुफरान अहमद चांद, शांतनु दीक्षित, अमिताभ मिश्रा आतिफ रहमान, अफजाल अहमद चंद ,मनु पांडे ,राजेंद्र बाल्मीकि ,राधेश्याम कश्यप ,पप्पू नेता, नसरीन अंसारी ,अबरार अहमद, प्रमोद गुप्ता आदि कांग्रेस जन उपस्थित रहे।

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